

बहादराबाद स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हुई। जिसके चलते डॉक्टरों को अपने केबिन छोड़कर मरीजों को अस्पताल के बाहर सड़क किनारे देखना पड़ा।
बहादराबाद सीएचसी में स्वास्थ्य सेवा चरमराई
Haridwar: बहादराबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाही उजागर हुई। केंद्र में तीन घंटे तक बिजली गुल रही, लेकिन बैकअप व्यवस्था के तौर पर मौजूद जनरेटर तक चालू नहीं किया गया।
बिजली कटने के चलते अस्पताल के अंदर उमस और गर्मी से मरीज बेहाल हो गए। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि डॉक्टरों को अपने केबिन छोड़कर मरीजों को अस्पताल के बाहर सड़क किनारे देखना पड़ा। यह नजारा स्वास्थ्य सेवाओं की वास्तविक स्थिति को उजागर करता है और विभाग की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
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स्थानीय लोगों और मरीजों ने आरोप लगाया कि जनरेटर लंबे समय से खराब पड़ा है और उसकी मरम्मत कराने तक की सुध अधिकारियों ने नहीं ली।
वहीं अस्पताल परिसर में खड़ी एंबुलेंस भी लंबे समय से खराब पड़ी है। ग्रामीणों का कहना है कि आपात स्थिति में मरीजों को तत्काल अस्पताल तक ले जाने या अन्य बड़े केंद्रों में रेफर करने में भारी परेशानी हो रही है। खराब पड़ी एंबुलेंस के कारण कई बार मरीजों और परिजनों को निजी साधनों का सहारा लेना पड़ता है, जिससे न केवल समय की बर्बादी होती है बल्कि मरीजों की जान भी खतरे में पड़ सकती है।
स्थानीय निवासियों ने स्वास्थ्य केंद्र की बदहाल व्यवस्था पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि यदि समय रहते बिजली और एंबुलेंस की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन से मांग की है कि तत्काल जनरेटर को ठीक कराया जाए और एंबुलेंस की मरम्मत कर मरीजों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
डॉक्टरों ने भी स्वीकार किया कि जनरेटर खराब होने के कारण वे मजबूरी में मरीजों को बाहर सड़क पर देख रहे थे। उन्होंने कहा कि यदि लगातार बिजली कटौती और गर्मी की स्थिति बनी रही तो गंभीर मरीजों की हालत और बिगड़ सकती है।
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यह घटना स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और कुप्रबंधन की ओर इशारा करती है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे।