नैनीताल की वादियों में बढ़ती आस्था, जहां बाबा नीम करौली की दिव्यता ने कैंची धाम को दे दी नई पहचान

नैनीताल की वादियों में इन दिनों धार्मिक पर्यटन तेजी से बढ़ा है और कैंची धाम में हर हफ्ते हजारों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। बाबा नीम करौली महाराज की दिव्यता और चमत्कारों से जुड़ी कहानियों ने इस धाम को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है। शहर की अर्थव्यवस्था से लेकर पर्यटन तक सब पर इसका बड़ा असर दिखाई दे रहा है।

Nainital: पहाड़ों की गोद में बसने वाली सरोवर नगरी नैनीताल पहले अपनी झीलों, मौसम और अंग्रेजी दौर की खूबसूरती के लिए मशहूर रही है, लेकिन अब शहर का रंग ढंग बदल चुका है। इधर कुछ सालों में कैंची धाम की ओर श्रद्धालुओं का रुझान जिस तरह बढ़ा है, उसने नैनीताल को आध्यात्मिक नक्शे पर एक अलग जगह दे दी है। मौसम कैसा भी हो, हर हफ्ते हजारों लोग बाबा नीम करौली महाराज के दर्शन के लिए यहां आते दिख जाते हैं और शहर की पूरी हवा एक अलग किस्म की रौनक से भर जाती है।

आस्था का नया रास्ता

कैंची धाम, नयना देवी और घोड़ाखाल गोलू देवता मंदिर जैसे धार्मिक स्थानों पर बीते तीन सालों में भक्तों की आवाजाही कई गुना बढ़ी है। होटल एसोसिएशन की मानें तो पिछले पांच सालों में नैनीताल पहुंचने वाले सैलानियों की संख्या में आश्चर्यजनक उछाल दर्ज हुआ है। उनका कहना है कि कोरोना के बाद जब लोग फिर से बाहर निकले, तो धार्मिक यात्रा ही सबसे ज्यादा मजबूत साबित हुई। कैंची धाम में हर साल करीब चालीस फीसदी की बढ़त के साथ भक्तों की भीड़ बढ़ती जा रही है और शहर की अर्थव्यवस्था पर इसका सीधा असर दिख रहा है।

बाबा की दिव्य उपस्थिति

कैंची धाम की इस लोकप्रियता के पीछे सिर्फ शांत वातावरण नहीं, बल्कि बाबा नीम करौली महाराज से जुड़ी ऐसी लीलाएं भी हैं जिनकी चर्चा आज भी लोग श्रद्धा के साथ करते हैं। कहा जाता है कि एक बार भंडारे में घी खत्म हो गया था। बाबा ने गंगा से पानी मंगवाया और कढ़ाई में डलवाया, जिसके कुछ ही देर बाद वह पानी घी की तरह इस्तेमाल होने लगा। भक्त आज भी इसे धाम की सबसे अनोखी घटना मानते हैं।

धूप से बचाने की करुणा

एक और कथा में बताया जाता है कि तेज धूप में परेशान एक भक्त ने बाबा से राह आसान करने की प्रार्थना की थी। बाबा ने बस दृष्टि उठाकर देखा और वह व्यक्ति अपनी यात्रा पर निकल पड़ा। लोगों ने बताया कि पूरे रास्ते उसके ऊपर बादलों की एक हल्की सी परत बनी रही, मानो आसमान खुद उसकी निगरानी कर रहा हो।

जीवन देने वाली लीला

बाबा की करुणा से जुड़ी कहानियां यहीं खत्म नहीं होतीं। एक सैनिक के बारे में भी लोग बताते हैं कि उसकी हालत बेहद नाज़ुक थी। बाबा उसके घर पहुंचे, रात में कंबल ओढ़े और अचानक दर्द से कराहने लगे। सुबह होते ही सैनिक की हालत संभल गई, जबकि बाबा कमजोरी महसूस कर रहे थे। भक्त मानते हैं कि बाबा ने उसकी पीड़ा अपने ऊपर ले ली थी।

रोग और भविष्य की समझ

धाम में आने वाले कई लोग कहते हैं कि बिना किसी शब्द के, सिर्फ उनकी उपस्थिति से ही परेशानियां हल हो जाती थीं। कुछ लोग बताते हैं कि बाबा इशारों में वह बातें बता देते थे जो अभी घटनी बाकी होती थीं। इसी विश्वास ने कैंची धाम को साधारण जगह से एक आध्यात्मिक केंद्र में बदल दिया है।

सेलिब्रिटीज़ भी हुए प्रभावित

कैंची धाम की इस दिव्यता ने सिर्फ आम लोगों को ही नहीं, बल्कि दुनिया की बड़ी हस्तियों को भी अपनी ओर खींचा है। स्टीव जॉब्स ने यहां आकर शांति खोजने की बात कही थी। फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग भी यहां पहुंचे थे। विराट कोहली और अनुष्का शर्मा ने भी कैंची धाम में माथा टेका। जूलिया रॉबर्ट्स, गुरमीत चौधरी और मनोज बाजपेयी जैसे सितारे भी यहां आकर अपने अनुभव साझा कर चुके हैं। इन सारे नामों ने धाम की पहचान को सिर्फ भारत तक नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में फैलाया है।

शहर का नया रंग

नैनीताल अब सिर्फ वादियों और झीलों के लिए नहीं, बल्कि उस आध्यात्मिक खिंचाव के लिए जाना जाने लगा है, जिसे लोग महसूस करने यहां आते हैं। सड़कें, बाजार, गांव–कस्बे, सब जगह इस बदलाव की आहट सुनी जा सकती है। शहर की रफ्तार बदल चुकी है और इस बदलाव के केंद्र में कैंची धाम है, जहां हर कदम पर श्रद्धा, विश्वास और बाबा की दिव्य ऊर्जा का एहसास होता है।

Location : 
  • नैनीताल

Published : 
  • 22 November 2025, 1:19 AM IST