

स्नातक प्रतियोगी परीक्षा 2025 में नकल की शिकायतों की अब खुली जांच होगी। न्यायमूर्ति यू.सी. ध्यानी की अध्यक्षता में 3-4 अक्टूबर को हल्द्वानी में जनसुनवाई आयोजित की जाएगी।
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Uttarakhand: स्नातक प्रतियोगी परीक्षा 2025 में नकल और गड़बड़ियों की शिकायतों के बीच अब यह मामला पूरी पारदर्शिता के साथ जनता के सामने लाया जा रहा है। उत्तराखंड सरकार द्वारा इस मामले की जांच के लिए गठित एकल सदस्यीय आयोग की अध्यक्षता कर रहे सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यू.सी. ध्यानी 3 और 4 अक्टूबर को हल्द्वानी के सर्किट हाउस (काठगोदाम) में जनसुनवाई करेंगे।
जनसुनवाई का उद्देश्य है कि पीड़ित अभ्यर्थी, स्थानीय नागरिक और अन्य जागरूक लोग अपनी शिकायतें, अनुभव और सुझाव सीधे आयोग के समक्ष रख सकें। यह पहल नकल कांड की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच को मजबूती देने के लिए की जा रही है।
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अपर जिलाधिकारी शैलेन्द्र सिंह नेगी ने जानकारी दी कि आयोग 2 अक्टूबर को हल्द्वानी पहुंचेगा। इसके बाद 3 अक्टूबर को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक और 4 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से 11 बजे तक जनसुनवाई आयोजित की जाएगी। 4 अक्टूबर को ही दोपहर 1 बजे आयोग देहरादून के लिए रवाना हो जाएगा।
ADM ने बताया कि आयोग उन सभी छात्रों की बात सुनने के लिए तैयार है जिन्होंने परीक्षा में गड़बड़ी, नकल या अन्य अनियमितताओं का अनुभव किया है। उन्होंने अपील की है कि अधिक से अधिक लोग आगे आएं और अपनी बात आयोग के समक्ष रखें। इससे आयोग को जांच में वस्तुनिष्ठ तथ्यों और प्रत्यक्ष अनुभवों के आधार पर निष्कर्ष तक पहुंचेने में मदद मिलेगी।
उत्तराखंड में आयोजित स्नातक स्तर की प्रतियोगी परीक्षा 2025 को लेकर कई जिलों से नकल, पेपर लीक और परीक्षा केंद्रों में अनियमितता की शिकायतें सामने आई थीं। कई छात्रों ने सोशल मीडिया और पत्रों के माध्यम से सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की थी। बढ़ते दबाव के बाद सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एकल सदस्यीय आयोग का गठन किया। न्यायमूर्ति यू.सी. ध्यानी पूर्व में उत्तराखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश रह चुके हैं और उन्हें निष्पक्ष व निर्भीक जांच के लिए जाना जाता है। आयोग की रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में परीक्षा प्रक्रिया में सुधार और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की दिशा तय की जाएगी।