

पंतनगर विश्वविद्यालय की जमीन पर एयरपोर्ट विस्तार पर पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने एतराज़ जताया हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
पंतनगर: पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तार के नाम पर पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय की शोध इकाइयों और कार्यालय भवनों को हटाने के आदेश पर कड़ा ऐतराज़ जताया है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर इस कार्रवाई को विश्वविद्यालय के भविष्य के लिए घातक बताया है और मांग की है कि जब तक ध्वस्त किए जा रहे भवनों के लिए विश्वविद्यालय को समुचित मुआवजा और पुनर्निर्माण की व्यवस्था नहीं की जाती, तब तक भवनों का ध्वस्तीकरण रोका जाए।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार शुक्ला ने अपने पत्र में लिखा कि पंतनगर विश्वविद्यालय देश का पहला कृषि विश्वविद्यालय होने के साथ-साथ हरित क्रांति की जननी माना जाता है और भारत रत्न पं. गोविंद बल्लभ पंत जी के नाम पर स्थापित यह संस्थान देश को कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के अनुसंधान केंद्रों, फॉर्म मुख्यालयों और कार्यालय भवनों को हटाने से विश्वविद्यालय का शोध और शैक्षणिक कार्य बुरी तरह प्रभावित होगा।
पूर्व विधायक ने सवाल उठाया कि जब 2022 से पहले विश्वविद्यालय की दक्षिणी सीमा पर स्थित अटरिया मार्ग से सटे क्षेत्र को ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए सरकार को सौंप दिया गया था, तो अब उसी के विपरीत दिशा में विश्वविद्यालय के मुख्य भवनों को हटाने का क्या औचित्य है? उन्होंने कहा कि यदि एयरपोर्ट विस्तार का यही क्षेत्र अंतिम रूप से चयनित है, तो भी राज्य सरकार को पहले विश्वविद्यालय को पुनर्स्थापना हेतु आवश्यक बजट और संसाधन उपलब्ध कराने चाहिए।
शुक्ला ने मुख्यमंत्री से इस विषय में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय की गरिमा, विरासत और शैक्षणिक गतिविधियों की निरंतरता बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि बिना पुनर्स्थापना की व्यवस्था किए किसी भी संरचना को ध्वस्त न किया जाए।