

उत्तराखंड के देहरादून शहर के ट्रैफिक को मोबिलाइज करने के लिए लोक निर्माण विभाग एक्शन में है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
देहरादून में एलिवेटेड हाईवे प्रोजेक्ट में टूटेंगे ढाई हजार मकान (इमेज सोर्स)
देहरादून: राजधानी देहरादून (Dehradun) में यातायात समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए लोक निर्माण विभाग (PWD) ने दो प्रमुख एलिवेटेड हाईवे प्रोजेक्ट्स (Elevated highways) की योजना को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत रिस्पना और बिंदाल नदियों के ऊपर कुल 26 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड रोड बनाए जाएंगे, जिससे शहर का यातायात जाम काफी हद तक कम होने की उम्मीद है।
हालांकि इस परियोजना की वजह से ढाई हजार से अधिक मकानों को तोड़ा जाएगा और 26 मोहल्ले प्रभावित होंगे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पीडब्लूडी अध्यक्ष राजेश शर्मा ने जानकारी दी कि यह प्रोजेक्ट शहर के ट्रैफिक को मोबिलाइज करने और सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। बिंदाल नदी पर बनने वाला एलिवेटेड रोड लगभग 15 किलोमीटर लंबा होगा, जो हरिद्वार बाईपास से शुरू होकर बिंदलपुर होते हुए मसूरी रोड स्थित मैक्स अस्पताल तक जाएगा। इस हिस्से में 943 पक्के और 560 कच्चे मकानों को हटाया जाएगा।
एलिवेटेड रोड के लिए तोड़े जाएंगे कई घर (इमेज सोर्स- इंटरनेट)
जानकारी के अनुसार प्रभावित क्षेत्रों में कारगी ग्रांट, ब्राह्मणवाला, निरंजनपुर, कमली रोड, देहरा खास, डोभाल वाला, चुक्कू मोहल्ला, विजयपुर, हाथीबड़कला, जौहरी, मलसीस, किशनपुर और डाकपत्ति वाला शामिल हैं।
वहीं, रिस्पना नदी पर बनने वाला 11 किलोमीटर का एलिवेटेड रोड रिस्पना पुल से शुरू होकर धरमपुर, डालनवाला, कंडोली, झारखंड, धोरन खास, भगत सिंह कॉलोनी और राजीव नगर जैसे इलाकों से होकर गुजरेगा। इस हिस्से में 771 पक्के और 399 कच्चे मकानों को हटाया जाएगा। दोनों परियोजनाओं के लिए क्रमशः 44.6421 हेक्टेयर (रिस्पना) और 43.9151 हेक्टेयर (बिंदाल) भूमि का अधिग्रहण प्रस्तावित है।
इस पूरी परियोजना के तहत कुल 2619 कच्चे-पक्के मकानों का पूर्ण या आंशिक रूप से अधिग्रहण किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग के अनुसार, इस समय प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कार्य तेजी से चल रहा है, जिसके बाद अधिग्रहण की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा।
परियोजना के पूर्ण होने पर शहरवासियों को सुगम यातायात और बेहतर सड़क सुविधाएं मिलेंगी, हालांकि फिलहाल प्रभावित लोगों में चिंता और असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
प्रशासन का कहना है कि प्रभावित परिवारों को नियमानुसार मुआवजा और पुनर्वास की सुविधा दी जाएगी। यह प्रोजेक्ट देहरादून की भविष्य की ट्रैफिक व्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है, बशर्ते अधिग्रहण और निर्माण कार्य समयबद्ध व पारदर्शी ढंग से पूरे किए जाएं।