

नैनीताल के गरमपानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जगदीप की लापरवाही का मामला सामने आया है। मंडलायुक्त की जांच में खुलासा हुआ कि डॉक्टर कई दिनों से गैरहाजिर थे, फिर भी पंजिका में उनकी उपस्थिति दर्ज थी। सीसीटीवी फुटेज और अन्य जांचों से मामला पुष्ट हुआ है। प्रशासन ने दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
Garampani Health Center
नैनीताल जिले के गरमपानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जगदीप के खिलाफ गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि डॉक्टर नियमित रूप से अस्पताल में उपस्थित नहीं हो रहे हैं और केवल औपचारिकता निभा रहे हैं। मंडलायुक्त दीपक रावत के संज्ञान में यह मामला तब आया जब उन्हें सूचना मिली कि डॉक्टर केवल दस दिन में एक बार अस्पताल आते हैं और पंजिका में पूरे दस दिनों की उपस्थिति एक साथ दर्ज कर देते हैं।
कैसे हुआ खुलासा
मामले को गंभीर मानते हुए मंडलायुक्त ने तत्काल उपजिलाधिकारी कैंचीधाम को जांच के आदेश दिए। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि डॉक्टर जगदीप बीते एक सप्ताह से अस्पताल नहीं आए हैं, जबकि उपस्थिति पंजिका में उनके हस्ताक्षर मौजूद थे। इस बात की पुष्टि अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से भी हुई, जिसमें डॉक्टर की किसी भी दिन की मौजूदगी दर्ज नहीं मिली।
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जांच में कई चीजें सामने आई
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गरमपानी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी (सीएमएस) डॉ. सतीश ने डॉक्टर की अनुपस्थिति की कोई सूचना उच्च अधिकारियों को नहीं दी। इस लापरवाही के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है और ग्रामीण क्षेत्रों के मरीज इलाज के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं।
सीएमओ का क्या कहना है?
मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) नैनीताल से जब इस विषय में जानकारी ली गई तो उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें डॉक्टर की इस नियमित अनुपस्थिति की जानकारी नहीं थी। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें यह सूचना बुधवार को तब मिली जब मामला सार्वजनिक हुआ और मीडिया में आया।
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मंडलायुक्त दीपक रावत ने दिए जांच के आदेश
मंडलायुक्त दीपक रावत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य कुमाऊं मंडल नैनीताल को विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि जांच में डॉक्टर जगदीप और अन्य अधिकारी दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अवश्य की जाएगी। मंडलायुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकारी सेवा में अनुशासनहीनता और फर्ज से लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
लोगों में गुस्सा
स्थानीय लोगों ने भी डॉक्टर की इस कार्यशैली पर नाराजगी जताई है। ग्रामीणों का कहना है कि हड्डी रोग विशेषज्ञ की नियमित अनुपस्थिति के कारण उन्हें हल्द्वानी या नैनीताल जैसे शहरों की ओर रुख करना पड़ता है, जिससे समय और धन दोनों की बर्बादी होती है।