

उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में आदमखोर जानवरों का संकट बना हुआ है। देहरादून के सेलाकुई क्षेत्र के अटकफार्म खैरी में गुलदार के बार-बार दिखने से इलाके में दहशत में हैं। लोग अपने जरूरी काम के लिए भी घरों से निकलने से डर रहे हैं।
क्षेत्र में गुलदार की तलाश में गस्त करते वनकर्मी
Dehradun: देहरादून के सेलाकुई क्षेत्र के अटकफार्म खैरी में गुलदार के बार-बार दिखने से इलाके में दहशत व्याप्त है। वन विभाग की टीम क्षेत्र में गश्त कर रही है। ग्रामीण रतजगा करने को मजबूर हैं। इससे पहले गुलदार अन्य क्षेत्रों में भी दिखा था।
ग्रामीणों ने वन विभाग से पिंजरा लगाकर गुलदार को पकड़ने की मांग की है ताकि बच्चों और पालतू जानवरों को बचाया जा सके। ग्रामीणों ने कहा कि लोग इतने डरे हैं कि सांझ ढलते ही जंगल से सटे क्षेत्र के ग्रामीण अपने घरों में दुबक रहे हैं।
देहरादून के सेलाकुई क्षेत्र में गुलदार की धमक
इससे पहले भी गुलदार कालसी वन प्रभाग की चौहड़पुर रेंज अंतर्गत राजावाला, बुलाकीवाला, केदारावाला, शंकरपुर में दिखाई दे चुका है। जहां पर कई दिनों की गश्त के बाद अब रात्रि गश्त बंद हो चुकी है, जबकि ग्रामीण रात्रि गश्त को जारी रखने की मांग कर रहे हैं। नया मामला अटकफार्म खैरी क्षेत्र का है, जहां पर एक सप्ताह पहले गुलदार ने एक गाय को निवाला बना लिया था।
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यहां लगभग 40 परिवार रहते हैं, जिनको गुलदार के कारण अपना जीवन खतरे में लग रहा है। लोग रात होने पर घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है कि जल्द पिंजरा लगाकर गुलदार को पकड़ा जाए। ताकि गांव के बच्चों और पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
खैरी के वार्ड सात क्षेत्र में गुलदार लगातार तीसरी बार दिखाई दे चुका है, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। सूचना पर झाझरा रेंजर सोनल पनेरु ने मय टीम के रात्रि गश्त की। ग्रामीणों को भी लाउड हेलर के माध्यम से सतर्क किया। कहा कि रात्रि में घर से बाहर न निकले, सतर्क रहें। गुलदार दिखने पर उसकी सूचना तुरंत वन विभाग को दें।
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रेंजर झाझरा सोनल ने बताया कि वन टीम रात्रि गश्त कर रही है। ग्रामीणों को भी सतर्क किया गया है। गुलदार के पगमार्क देखे गए हैं। गुलदार को पकड़ने के लिए उच्चाधिकारियों से पिंजरा लगाने की अनुमति मांगी जाएगी।