Deharadun: पूर्व सैनिकों के साथ सीएम का इन मुद्दों पर हुआ संवाद, मांगे सुझाव

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को गढ़ी कैंट में आयोजित “विकसित भारत सामूहिक संवाद -पूर्व सैनिकों के साथ” कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

Post Published By: Jay Chauhan
Updated : 7 July 2025, 12:30 PM IST
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Deharadun: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को गढ़ी कैंट में आयोजित "विकसित भारत सामूहिक संवाद - पूर्व सैनिकों के साथ" कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस आयोजन का उद्देश्य पूर्व सैनिकों के अनुभव और सुझावों के आधार पर राज्य को विकास की नई दिशा देना रहा।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पूर्व सैनिक केवल देश के रक्षक नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना और राष्ट्र निर्माण में भी अग्रणी भूमिका निभाते हैं। उन्होंने राज्य सरकार की नीतियों और योजनाओं की जानकारी साझा करते हुए पूर्व सैनिकों से सुझाव भी मांगे।

मुख्यमंत्री ने जबरन धर्मांतरण और जनसंख्या असंतुलन को राज्य की गंभीर चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने दंगा विरोधी कानून, भूमि अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई और समान नागरिक संहिता जैसे कई साहसिक निर्णय लिए हैं, लेकिन इनकी सफलता जनभागीदारी पर निर्भर है।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी मुख्यमंत्री ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का उल्लेख किया और वन विभाग को हर डिवीजन में 1000 पेड़ लगाने के निर्देश देने की बात कही। उन्होंने पूर्व सैनिकों से पर्यावरण संरक्षण में भागीदारी का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि सैनिकों ने कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कच्छ से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक हर मोर्चे पर तिरंगे के गौरव और मान को बढ़ाने का कार्य किया है। हमारा प्रदेश देवभूमि के साथ साथ वीरभूमि भी है, क्योंकि हमारे प्रदेश का लगभग हर परिवार सेना से जुड़ा हुआ है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में पर्यटन विकास तीव्र गति से हो रहा है। पिछले दो माह में 38 लाख से अधिक पर्यटक आए हैं। आदि कैलाश यात्रा और शीतकालीन यात्रा को नई गति मिली है। साथ ही, मानसरोवर यात्रा का समय भी अब 7 दिन घटाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य की बेरोजगारी दर घटकर 4.2% से कम हो गई है, जो राष्ट्रीय औसत से बेहतर है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मैं स्वयं एक फौजी का बेटा हूं, इसलिए पूर्व सैनिकों की पीड़ा, जरूरत और सम्मान को भली-भांति समझता हूं।” कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गणेश जोशी, लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) एके सिंह, मेजर जनरल (सेनि) ए.के. राणा, कप्तान वीरेंद्र सिंह राणा, ब्रिगेडियर नितेश बिष्ट सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक मौजूद रहे।

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