Crime in Haridwar: बस में सीट को लेकर हुई दूल्हे के मामा की हत्या के आरोप में 2 गिरफ्तार

हरिद्वार में शादी समारोह में सीट को लेकर हुई दूल्हे की मामा की हत्या के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: रवि पंत
Updated : 14 May 2025, 5:13 PM IST
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हरिद्वार: जनपद के पथरी थाना क्षेत्र में दूल्हे के मामा की निर्मम हत्या के आरोप में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों से हत्या में प्रयुक्त  हथियार लोहे की फुंकनी और संडासी भी बरामद किया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार आरोपियों की पहचान निसार और आदिल के रुप में हुई है। पुलिस ने बताया कि पूछताछ में दोनों ने अपना जुर्म कबूल किया।

गौरतलब है कि हरिद्वार जिले के पथरी थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर गांव में एक शादी समारोह में बस में सीट को लेकर हुए विवाद ने खूनी रूप ले लिया। मामूली कहासुनी के बाद दूल्हे के मामा की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।

अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस

घटना 11 मई की है जब ग्राम इब्राहिमपुर निवासी शाहरुख की बारात जा रही थी। बारात के दौरान बस में सीट को लेकर विवाद हो गया। बताया जा रहा है कि दूल्हे के मामा मुजम्मिल ने बस में जगह न होने के कारण गांव के ही निसार और आदिल के छोटे बच्चों को नीचे उतार दिया, जिससे दोनों आरोपी भड़क गए। गुस्से में आकर उन्होंने गाली-गलौच शुरू की, जो जल्द ही मारपीट में तब्दील हो गई। लोहे की फुंकनी और संडासी से किए गए हमले में मुजम्मिल गंभीर रूप से घायल हो गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

घटना के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। सूचना मिलते ही थाना पथरी पुलिस मौके पर पहुंची। फॉरेंसिक टीम को बुलाकर मौके से वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाए गए। मृतक के मामा इमरान की तहरीर पर संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया।

एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के निर्देश पर पुलिस ने आरोपियों की तलाश तेज कर दी। 13 मई की रात अलीपुर के आम के बाग में छिपे दो आरोपियों निसार और आदिल को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में दोनों ने अपना जुर्म कबूल किया और हत्या में प्रयुक्त हथियार भी बरामद कराए।

पुलिस ने दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर आगे की कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है। अन्य फरार आरोपियों की तलाश अब भी जारी है।

गिरफ्तारी में शामिल पुलिस टीम में थानाध्यक्ष मनोज नौटियाल, एसएसआई यशवीर सिंह नेगी, उपनिरीक्षक अजय कुमार, कांस्टेबल अजीत तोमर, ब्रह्मदत्त जोशी और नारायण सिंह शामिल थे।

यह दर्दनाक घटना एक बार फिर समाज में बढ़ती असहिष्णुता और मामूली विवादों के हिंसक रूप लेने की प्रवृत्ति को उजागर करती है।

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