

उत्तराखंड राज्य के जनसुनवाई कार्यक्रम में सीडीओ का बड़ा एक्शन देखने को मिला है, जहां उन्होंने मौके पर ही कई समस्याओं के समाधान कर दिया। पूरी खबर के लिए पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
जनसुनवाई कार्यक्रम
हरिद्वार: उत्तराखंड से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां जिला अधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देशन में जिला सभागार में आयोजित जनपद स्तरीय जनसुनवाई कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) आकांक्षा कोड़े ने शिकायतकर्ताओं की समस्याओं को गंभीरता से सुनते हुए त्वरित समाधान का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। बता दें कि इस दौरान इस जनसुनवाई में कुल 47 लोगों ने भूमि विवाद, अतिक्रमण, जल निकासी जैसी विभिन्न समस्याओं और मांगों को अधिकारियों के समक्ष रखा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के मुताबिक सीडीओ आकांक्षा कोड़े ने प्रत्येक शिकायतकर्ता की बात को ध्यानपूर्वक सुना और उनमें से अधिकांश मामलों का समाधान मौके पर ही करवा दिया। जिन मामलों का तत्काल समाधान संभव नहीं था, उन्हें संबंधित विभागों को प्राथमिकता के साथ भेजते हुए समयबद्ध रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।
आकांक्षा कोड़े ने स्पष्ट की अपनी बात
बता दें कि उन्होंने स्पष्ट किया कि शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता जन शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण और त्वरित निस्तारण है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि शिकायतों का समय पर निस्तारण करने और फरियादियों से सीधे संवाद बनाए रखने की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों की है।
सीडीओ दी चेतावनी
बता दें कि सीएम हेल्पलाइन से संबंधित शिकायतों की समीक्षा के दौरान सीडीओ ने लंबित मामलों को शीघ्रता से निस्तारित करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि जिन अधिकारियों ने अब तक शिकायतकर्ताओं से वार्ता नहीं की है, उनके नाम सार्वजनिक किए जाएंगे और उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
जनसुनवाई मौजूद थे ये अधिकारी
जनसुनवाई में मुख्य रूप से शिकायतकर्ता प्रदीप कुमार, प्रमोद कुमार, प्रवीण यादव, कृष्ण कुमार, जाकिर, पार्वती देवी और ईश्वर चंद्र सैनी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम में एडीएम दीपेन सिंह नेगी, एसीपी जितेंद्र चौधरी सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
कार्यक्रम में सीडीओ दिया ये संदेश
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जनसुनवाई कार्यक्रम में सीडीओ आकांक्षा कोड़े की कार्यशैली ने न सिर्फ शिकायतकर्ताओं को राहत दी, बल्कि अधिकारियों को भी जिम्मेदारी के प्रति सजग रहने का स्पष्ट संदेश दिया।