

चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की मौत के मामले सामने आ रहे हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
बद्रीनाथ धाम
चमोली: बदरीनाथ धाम में दर्शन करने के लिए बृहस्पतिवार को छत्तीसगढ़ के एक श्रद्धालुओं की हृदय गति रुकने से मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार बदरीनाथ धाम में दर्शन करने के लिए बृहस्पतिवार को छत्तीसगढ़ के आठ लोगों का दल पहुंचा था जिसमें सात महिलाएं व एक पुरुष शामिल थे। सभी दर्शन करने के लिए लाइन में लगे थे। तभी किशोर शाहू (63) के सीने में तेज दर्द हुआ। वहां तैनात पुलिस कर्मियों ने उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया लेकिन उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।
परिजनों के लिए शव छत्तीसगढ़ ले जाना चुनौती थी। आपसी सहमति के बाद पुलिस और प्रशासन के सहयोग से बदरीनाथ धाम में ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
वहीं बुधवार को भी ओमबाला पत्नी अवबीस त्यागी (65) की भी हृदयगति रुकने से मौत हो गई। इससे पहले मंगलवार को भी गुजरात के अहमदाबाद निवासी भावना बेन और मंडला मध्यप्रदेश निवासी संतोष प्रजापति की भी तबीयत बिगड़ने पर मौत हो गई थी। तीन दिन में धाम में चार लोगों की मौत हो चुकी है।
बता दें कि बद्रीनाथ धाम जैसी ऊंचाई वाली जगहों पर ऑक्सीजन का स्तर कम होता है। मैदानी इलाकों से आने वाले श्रद्धालुओं को इससे ऑक्सीजन की कमी या ऊंचाई जनित बीमारी का सामना करना पड़ सकता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत, सिरदर्द और यहां तक कि हृदय संबंधी गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं।
कई श्रद्धालु पहले से ही हृदय रोग, उच्च रक्तचाप या मधुमेह जैसी बीमारियों से ग्रसित होते हैं। ऊंचाई और यात्रा की थकान इन समस्याओं को बढ़ा सकती है। कई बार श्रद्धालु यात्रा की तैयारी में शारीरिक फिटनेस और आवश्यक स्वास्थ्य जांच को नजरअंदाज कर देते हैं।
पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम कभी भी बदल सकता है, जिससे श्रद्धालुओं को अचानक ठंड, बारिश या बर्फबारी का सामना करना पड़ सकता है, जो उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
यात्रा पर निकलने से पहले श्रद्धालु रखें ध्यान
यात्रा पर निकलने से पहले श्रद्धालुअपनी संपूर्ण स्वास्थ्य जांच करवाएं, खासकर यदि आपको कोई पुरानी बीमारी है। ऊंचाई पर तुरंत चढ़ाई करने के बजाय, धीरे-धीरे आगे बढ़ें ताकि आपका शरीर नए वातावरण के अनुकूल हो सके। खुद को हाइड्रेटेड रखें और पर्याप्त पानी और अन्य तरल पदार्थ पीते रहें।
यात्रा के दौरान हल्का और सुपाच्य भोजन करें। शरीर को पर्याप्त आराम दें। थकान होने पर रुकें और आराम करें।
यदि आप कोई नियमित दवा लेते हैं, तो उसे पर्याप्त मात्रा में साथ रखें। यदि आपको किसी भी तरह की परेशानी महसूस हो, तो तुरंत पास के चिकित्सा शिविर में संपर्क करें।