रुद्रनाथ धाम में कपाट बंद होने की तैयारियां पूरी: 1 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे मंदिर

रुद्रनाथ धाम के कपाट शुक्रवार सुबह 5 बजे विधि विधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इस वर्ष एक लाख से अधिक श्रद्धालु रुद्रनाथ धाम पहुंचे। मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया है और पूजा के बाद उत्सव डोली गोपीनाथ मंदिर पहुंचेगी।

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 16 October 2025, 2:37 PM IST
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Chamoli: रुद्रनाथ धाम जो उत्तराखंड का प्रमुख तीर्थ स्थल है, उसके कपाट शीतकाल के लिए बंद होने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। शुक्रवार सुबह 5 बजे विधि विधान से रुद्रनाथ जी के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। इस महत्वपूर्ण दिन के लिए मंदिर परिसर को विशेष रूप से सजाया गया है, और बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहले ही रुद्रनाथ धाम पहुंच चुके हैं।

भगवान रुद्रनाथ की समाधि

रुद्रनाथ धाम में हर वर्ष शीतकाल के दौरान एक खास धार्मिक अनुष्ठान होता है, जिसमें भगवान रुद्रनाथ को मंदार के सफेद पुष्पों से सजाकर समाधि दी जाती है। इस साल, पुजारियों और हकहकूकधारीयों द्वारा जंगल से मंदार के बुग्याली फूल लाए गए हैं। ये फूल विशेष रूप से भगवान रुद्रनाथ की समाधि के लिए चुने जाते हैं और कपाट खुलने के बाद इन्हें भक्तों के बीच प्रसाद के रूप में वितरित किया जाएगा।

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धार्मिक उत्सव में श्रद्धालुओं की भारी भीड़

रुद्रनाथ धाम की यात्रा अत्यधिक दुर्गम मानी जाती है, लेकिन इस वर्ष एक लाख से अधिक श्रद्धालु रुद्रनाथ धाम पहुंचे हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। रुद्रनाथ धाम तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को गोपेश्वर मुख्यालय से लगभग 19 किमी पैदल यात्रा करनी होती है। यहां तक कि यात्रा के रास्ते में निर्जन पड़ाव होते हैं, जो इसे और कठिन बना देते हैं।

कपाट बंद होने से पहले की पूजा-कार्यक्रम

रुद्रनाथ धाम के कपाट बंद होने से पहले तड़के 4 बजे से विशेष पूजा कार्यक्रम का आयोजन होगा। इस पूजा में सबसे पहले दैनिक पूजाएं, श्रृंगार पूजा, दिन की भोग पूजा और सांय की आरती पूजा संपन्न की जाएगी। इसके बाद, 5 बजे भगवान शिव को बुग्याली फूल मंदार पुष्प से समाधि दी जाएगी और मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे।

भारी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु (सोर्स- गूगल)

उत्सव डोली की रुद्रनाथ से गोपीनाथ मंदिर तक यात्रा

कपाट बंद होने के बाद रुद्रनाथ जी की उत्सव डोली मंदिर से बाहर लाई जाएगी। इस उत्सव डोली की यात्रा रुद्रनाथ धाम से मौली खर्क, सगर गांव में पूजा अर्चना के बाद सूर्यास्त से पूर्व गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर पहुंचेगी, जहां शीतकाल में रुद्रनाथ जी की पूजा होगी।

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पांडवों से जुड़ी मान्यता

रुद्रनाथ धाम का धार्मिक महत्त्व बहुत ज्यादा है। मान्यता है कि यहां भगवान शिव ने पांडवों को अपने मुखारबिंद के दर्शन दिए थे। यह भारत का एकमात्र स्थान है, जहां भगवान शिव के मुख के दर्शन होते हैं। गुफा में स्थित रुद्रनाथ भगवान के मुखारबिंद के दर्शन किए जा सकते हैं, जो इस मंदिर को और भी विशिष्ट बनाते हैं।

भविष्य में और बढ़ेगी श्रद्धालुओं की संख्या

रुद्रनाथ धाम की कठिन यात्रा और खास धार्मिक महत्व के बावजूद, श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। प्रशासन ने भविष्य में और अधिक श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए यात्रा मार्ग को सुगम बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं।

Location : 
  • Chamoli

Published : 
  • 16 October 2025, 2:37 PM IST