

उत्तराखंड में पंचायत चुनाव में महिलाओं ने परचम लहराया हुआ है। महिलाए पुरुषों को टक्कर दे रही हैं। इस बार के पंचायत चुनावों में महिलाओं की राजनीति रुचि देखने को मिल रही है।
सबसे कम उम्र की प्रधान बनी प्रियंका नेगी Pic Source (Internet)
चमोली: उत्तराखंड पंचायत चुनाव में महिलाओं ने दबदबा कायम किया हुआ है। महिलाए राजनीति में खुलकर कदम रख रही हैं। गैरसैंण विकासखंड के सारकोट गांव की प्रियंका नेगी (21) सबसे कम उम्र में ग्राम प्रधान बनी हैं। वह मुख्यमंत्री के आदर्श गांव सारकोट गांव की कमान संभालेगीं।
आदर्श ग्राम सारकोट की प्रधान बनने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को प्रियंका नेगी से फोन पर बातचीत की और उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दीं। सीएम ने कहा कि आदर्श ग्राम सारकोट को बहुत अच्छा ग्राम बनाना है।
सीएम धामी ने फोन पर बातचीत करते हुए प्रियंका नेगी को देहरादून आकर मुलाकात करने का निमंत्रण भी दिया।
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजे लोगों को चौंका रहे हैं। युवा प्रत्याशियों के साथ ही महिलाओं ने पुराने जन प्रतिनिधियों को खूब छकाया है। कहीं टॉस जीत कर तो कहीं पर्ची के माध्यम से जनप्रतिनिधि चुने गए।
जानकारी के अनुसार प्रियंका नेगी प्रधान पद के लिए र्निवाचित हुई हैं। उन्होंने अपनी प्रतिद्वंदी प्रियंका देवी को हराकर विजय हासिल की। प्रियंका को 421 और प्रियंका देवी को 235 मत प्राप्त हुए।
इससे पूर्व 2014-19 तक उनके पिता भी प्रधान पद पर र्निवाचित हो चुके है। प्रियंका नेगी ने गैरसैंण महाविद्यालय से राजनीति शास्त्र विषय में स्नातक किया है।
नवर्निवाचित ग्राम प्रधान प्रियंका नेगी ने कहा कि वह शासन द्वारा किए जा रहे तमाम विकास कार्यों को आगे बढ़ाने का काम करेंगी। वे अपने गांव की महिलाओं को जागरूक करेंगी जिससे वे हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकें।
प्रियंका ने कहा कि जब महिलाएं मजबूत होंगी तभी गांव और समाज दोनों मजबूत होंगे। वह अपने गांव को मिसाल बनाएंगी।
प्रियंका नेगी के पिता पूर्व प्रधान राजे सिंह नेगी ने बताया कि गांव के विकास के लिए वे अपने बेटी का हरसंभव संभव साथ देंगे।
बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सारकोट गांव को आदर्श गांव घोषित किया था।
इस गांव में 300 से अधिक परिवार रहते हैं। यह चमोली जनपद में सबसे बड़े गांवों मे से एक है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गांव में कई विकास कार्य किए जा रहे हैं। गांव में प्रत्येक घरों में एक जैसा रंग, मशरूम उत्पादन, स्वास्थ्य शिविर, पशुपालन, कृषि संबधित कई विकास कार्य किए जा रहे है। साथ ही अधिकारियों द्वारा समय-समय पर गांव में जागरूता शिविरों का आयोजन किया जाता है।
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गांव में पलायन न होने के चलते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भराड़ीसैंणउ में विधानसभा सत्र के दौरान सारकोट गांव को आदर्श गांव घोषित किया था। तब से सीएम धामी सारकोट गांव को लेकर गंभीर हैं।