

उत्तराखंड के चमोली में लोग जान जोखिम में डालकर उफनती गदेरे को पार कर रहे हैं। इस घटना ने प्रशासन को चौंका दिया और सोचने पर मजबूर कर दिया।
उफनते गदेरे को पार करता युवक
Chamoli: उत्तरांखड के चमोली जनपद से शनिवार को एक जान जोखिम में डालने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें एक शख्स अपने कंधों पर राशन लादकर लेकर जा रहा है। शख्स राशन ले जाने के लिए एक उफनते गदेरे को पार कर रहा है। मामला संज्ञान में आने के बाद डीएम संदीप तिवारी ने एसडीएम को जांच के निर्देश दिए हैं।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार एक शख्स कधें पर सामान लादकर उफनते गदेरे को पार कर रहा है। रुक-रुककर हो रही बारिश से इन दिनों जेंथा गदेरा उफान पर बह रहा है। मिमराणी, सकनड और एगड़ी गांव दशोली और नंदानगर घाट विकासखंड को जोड़ते हैं, जहां पर पुल न होने की वजह से लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बता दें कि मिमराणी गांव में आठ परिवार निवास करते हैं। वर्ष 2013 की आपदा में गांव के समीप जेठागाड गदेरे पर बना पैदल पुल बह गया था। तब से ग्रामीण गदेरे से आवाजाही कर रहे हैं। गदेरे का जलस्तर बढ़ने पर ग्रामीण ग्राम पंचायत सकंड, ग्वांई और सिरोली गांव होते हुए नंदप्रयाग बाजार पहुंच रहे हैं।
जानकारी के अनुसार दशोली विकासखंड के ग्राम पंचायत भतंग्याला के मिमराणी तोक के ग्रामीण समीप ही स्थित जेंथा गदेरे पर पुल बह जाने के कारण पिछले 14 वर्षों से पांच किलोमीटर की अतिरिक्त पैदल दूरी तय कर नंदप्रयाग बाजार पहुंच रहे हैं। जलस्तर कम होने पर ग्रामीण गदेरे से ही आवाजाही करते हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि लोग कई सालों से एक पुल की मांग कर रहे हैं लेकिन आज तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है। आज भी गांव वालों को राशन लाने के लिए उफनती नदी को पार करना पड़ रहा है, वो भी बस अपने परिवार वालों का पेट पालने के लिए लोग अपनी जान जोखिम में डालते हैं।
स्थानीय निवासी वीरेंद्र सिंह, देवेंद्र सिंह और मनोज का कहना है कि इन दिनों जेठागाड का जलस्तर बढ़ा हुआ है। कई बार ग्रामीण समय की बचत के लिए उफनाते गदेरे से ही आवाजाही करने को मजबूर हैं।
जरुरी सामग्री को ग्रामीण पीठ में लादकर करीब पांच किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर दूसरे गांवों से अपने गंतव्य को जा रहे हैं। इधर, उपजिलाधिकारी आरके पांडेय ने कहा कि ग्रामीणों के प्रस्ताव पर पुल निर्माण की कार्रवाई की जाएगी।