

रुड़की क्षेत्र के ढडेरी गांव समेत आसपास के इलाकों में किसानों के खेतों से ट्रांसफार्मर और ट्यूबवेल मोटर चोरी की घटनाओं ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है।
रुड़की: उत्तराखंड के रुड़की क्षेत्र के ढडेरी गांव समेत आसपास के इलाकों में किसानों के खेतों से ट्रांसफार्मर और ट्यूबवेल मोटर चोरी की घटनाओं ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। इसी को लेकर मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) रोड़ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पदम सिंह रोड़ के नेतृत्व में किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल अधीक्षण अभियंता अमित कुमार से मिला और विभाग पर गंभीर आरोप लगाए।
तीन ट्रांसफार्मर और 15 से अधिक ट्यूबवेल मोटर..
पदम सिंह रोड़ ने बताया कि क्षेत्र में अब तक तीन ट्रांसफार्मर और 15 से अधिक ट्यूबवेल मोटर चोरी हो चुकी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन चोरी की वारदातों में विद्युत विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि अक्सर कर्मचारी लाइन में फॉल्ट बताकर कई घंटे तक शटडाउन लेते हैं, उसी दौरान चोरी की घटनाएं हो जाती हैं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से इस संबंध में ठोस कार्रवाई की मांग की ताकि किसानों को राहत मिल सके।
मामले की गंभीरता से जांच...
वहीं अधीक्षण अभियंता अमित कुमार ने किसानों को आश्वासन दिया कि मामले की गंभीरता से जांच करवाई जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि विभाग किसानों की समस्या को प्राथमिकता से सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है।
ट्रांसफार्मर और मोटर महंगे होने के कारण
इसके बाद भाकियू पदाधिकारी एसपी देहात शेखर चंद्रा सुयाल से मिले और क्षेत्र में पुलिस गश्त बढ़ाने की मांग रखी। किसानों ने कहा कि कावड़ मेले के चलते पुलिस बल पूरी तरह मेला ड्यूटी में तैनात था, जिसका फायदा चोरों ने उठाया। खेतों में लगे ट्रांसफार्मर और मोटर महंगे होने के कारण किसानों को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
अपराधियों को गिरफ्तार
एसपी देहात शेखर चंद्रा सुयाल ने भरोसा दिलाया कि अब क्षेत्र में गश्त बढ़ाई जाएगी और चोरी की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए विशेष दल तैनात किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पहले हुई चोरी की वारदातों का जल्द खुलासा कर अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
इस मौके पर भाकियू के वेदपाल सिंह, कृष्ण पाल, विजेंद्र, सुशील कुमार, संत कुमार, अशोक कुमार, अनुज कुमार, अक्षय, ऋषि सेवाराम, सोनू शर्मा और हरपाल सिंह समेत कई किसान मौजूद रहे। किसानों ने एक सुर में कहा कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
संपूर्णता अभियान सम्मान समारोह: विकास की अंतिम पंक्ति तक पहुंचाने वाले अधिकारियों को मिला सम्मान