चमोली में सनसनीखेज घटना के 4 दिन बाद भी सनसनी, पुलिस के हाथ खाली; उठ रहे गंभीर सवाल

उत्तराखंड के चमोली के देवाल में तीन दिन पूर्व तीन हुई बड़ी वारदात के बाद भी पुलिस के हाथ खाली है। ड्रोन और डॉग स्क्वाड की मदद से इस वारदात के अपराधियों की तलाश जारी है। पुलिस ने स्थानीय लोगों से भी संदिग्ध गतिविधियों के बारे में जानकारी तत्काल साझा करने की अपील की है।

Post Published By: Jay Chauhan
Updated : 3 December 2025, 6:26 PM IST
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Chamoli: जनपद चमोली के थराली थाना क्षेत्र के देवाल में नवजात शिशु का कटा सिर मिलने के मामले में पुलिस के हाथ 72 घंटे के बाद भी खाली हैं। देवाल में पुलिस ड्रोन और डॉग स्क्वॉड की मदद से नवजात के धड़ की तलाश कर रही है। घटना के 72 घंटे बाद भी पुलिस को नवजात के धड़ का कोई सुराग नहीं मिल पाया है।

गौरतलब है कि 29 नवंबर को हाटकल्याणी–बेराधार सड़क पर नवजात बच्चे का कटा सिर बरामद हुआ था जिसके मिलने के बाद  इलाके में हड़कंप मच गया। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। पुलिस ड्रोन की मदद से नवजात के धड़ की तलाश कर रही है। घटना के 72 घंटे बीतने के बाद भी पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल पाया है।

शिश का डीएनए रखा सुरक्षित

जानकारी के अनुसार पुलिस ने नवजात शिशु के कटे सिर को 72 घंटे तक मोर्चरी में सुरक्षित रखकर शिनाख्त का प्रयास किया लेकिन शिनाख्त न होने पर डॉक्टर्स के पैनल ने नवजात शिशु के कटे सिर का वीडियोग्राफी से पोस्टमार्टम किया और हिंदू रीति-रिवाजों के साथ बाल-समाधि करके शिशु का डीएनए सुरक्षित रख लिया।

देवाल में ड्रोन और डॉग स्क्वाड की मदद से नवजात के धड़ की तलाश करती पुलिस

उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में बाल रोग विशेषज्ञ, शल्य चिकित्सक तथा हड्डी रोग विशेषज्ञ—इन तीन डॉक्टर्स के पैनल द्वारा नवजात का पोस्टमार्टम किया गया, जिसकी संपूर्ण प्रक्रिया की विडियोग्राफी भी करवाई गई।

इस ह्रदयविदारक घटना से प्रदेश में हड़कंप मच गया। इस वारदात से क्षेत्र में सनसनी फैल गई।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने बताया कि अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस धरपकड़ कर रही है। पुलिस ने बताया कि ड्रोन टीम द्वारा घटनास्थल के आसपास 10–15 किलोमीटर क्षेत्र में तैनात कर ड्रोन के माध्यम से नवजात के शेष धड़ की खोज की गई।

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थराली, देवाल, लोहाजंग एवं वाण क्षेत्र में उन महिलाओं की भौतिक सत्यापन प्रक्रिया हुई जिनकी हाल ही में डिलीवरी हुई और जिनके पास बच्चा दिखाई नहीं दे रहा हो। साथ ही नेपाली एवं बिहारी समुदाय के व्यक्तियों से संपर्क कर गर्भवती महिलाओं का अलग से सत्यापन किया गया।

पुलिस ने आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से उन मामलों पर विशेष फोकस किया जिनमें डिलीवरी गुप्त रूप से हुई, या महिला बीमार या अस्वस्थ हालत में है या घर से गायब थी। ऐसी महिलाओं की जांच की गई जो प्रसव होने के लिए अपने मायके आई हुई थी।

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पुलिस ने बताया कि यह मामला बेहद संवेदनशील है और अपराधियों की पहचान तथा गिरफ्तारी के लिए जांच अभियान तेज गति से जारी है। पुलिस ने स्थानीय लोगों से भी संदिग्ध गतिविधियों के बारे में जानकारी तत्काल साझा  करने की अपील की है।

Location : 
  • Chamoli

Published : 
  • 3 December 2025, 6:26 PM IST