

प्रयागराज से एक खौफनाक घटना सामने आई है। जहां एक युवक को सरेआम गोली मार दी गई। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
युवक का सरेआम अपहरण कर मारी गोली
प्रयागराज: जिलें के सिविल लाइंस इलाके में रविवार रात एक खौ़फनाक घटना सामने आई, जब बाइक सवार कुछ हमलावरों ने एक युवक का सरेआम अपहरण किया।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार, अपहरण के बाद उसे धोबीघाट लेकर गोली मार दी। यह घटना पूरे शहर में सनसनी फैलाने का कारण बनी। घायल युवक की पहचान शानू पुत्र अललाख के रूप में हुई है, जो बेली गांव का निवासी है।
कैसे हुई वारदात?
पुलिस के मुताबिक, शानू को बेली गांव से बाइक पर बैठाकर सिविल लाइंस लाया गया था। जैसे ही वह धोबीघाट के पास पहुंचे, हमलावरों ने उसे पीटा और फिर दो गोली उसकी छाती में मारी। गोली लगने के बाद शानू सड़क पर लहूलुहान होकर गिर पड़ा। घटनास्थल पर शोर मचने के बाद हमलावर बाइक पर सवार होकर मौके से फरार हो गए। इस पूरे वारदात के बाद इलाके में हड़कंप मच गया और लोग मदद के लिए दौड़े। घायल शानू को तत्काल एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। घटना के बाद मौके पर एसीपी और सिविल लाइंस पुलिस इंस्पेक्टर भी पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। पुलिस ने बाइक सवार हमलावरों की तलाश शुरू कर दी है और घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच भी की जा रही है।
पुरानी रंजिश का परिणाम?
पुलिस ने शानू के बयान के आधार पर दो आरोपियों के नाम लिए हैं। शानू ने बताया कि हमलावरों में एक का नाम अख्तर था, जो धूमनगंज थाना क्षेत्र के मरियाडीह का निवासी है, जबकि दूसरे का नाम साहित है और वह अतरौली का निवासी है। दोनों आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि यह घटना एक पुरानी रंजिश का परिणाम हो सकती है। शानू ने पिछले साल अख्तर के बहनोई अंसार के साथ मारपीट की थी, जिसके बाद इस मामले में कई आरोपियों पर केस दर्ज किया गया था। शानू और अख्तर के बीच यह रंजिश लंबे समय से चल रही थी और इसी कारण यह घटना घटी।
शानू पर दर्ज मुकदमे
पुलिस ने यह भी बताया कि शानू पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह एक अपराधी है और उसके खिलाफ कई मामले अभी भी चल रहे हैं। हालांकि, पुलिस यह जांच कर रही है कि इस वारदात को कैसे अंजाम दिया गया और इसके पीछे कौन से प्रमुख कारण हो सकते हैं। वारदात के बाद शहर में कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि यह गोलीबारी सरेआम हुई और पुलिस को वक्त रहते हमलावरों को पकड़ने में सफलता नहीं मिल पाई। पुलिस की कड़ी सुरक्षा और जांच के बावजूद इस तरह की घटनाएं शहर में डर और अशांति का माहौल पैदा कर रही हैं।