

उत्तर प्रदेश को अपना नया डीजीपी मिल गया है। ऐसे में चलिए जानते हैं आखिर पुलिस महानिदेशक को कितनी सैलरी मिलती है और कौन कौन सी सुविधाएं मिलती है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
UP DGP को मिलती है कितनी सैलरी?
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण (Rajeev Krishna) को डीजीपी (DGP ) नियुक्त किया है। यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष के साथ-साथ निदेशक सतर्कता की जिम्मेदारी संभाल रहे राजीव कृष्ण को 11 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को सुपरसीड करके डीजीपी बनाया गया है। ऐसे में आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि उत्तर प्रदेश के डीजीपी को कितनी सैलरी मिलती है? साथ ही विस्तार से जानेंगे कि उन्हें क्या-क्या सुविधाएं दी जाती हैं। आपको बता दें कि निवर्तमान डीजीपी प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार नहीं मिल सका, जिसके बाद देर शाम राजीव कृष्ण को डीजीपी बनाए जाने की घोषणा की गई है। उन्होंने रात करीब 9 बजे डीजीपी का पदभार ग्रहण किया।
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP ) को मिलने वाले वेतन और भत्तों को लेकर अक्सर लोगों में जिज्ञासा रहती है। हम आपको बताएंगे कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के डीजीपी को कितनी सैलरी मिलती है, उन्हें अभी क्या सुविधाएं मिल रही हैं और 8वें वेतन आयोग के लागू होने से उनकी सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी।
डीजीपी का पद भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में सबसे ऊंचे स्तर पर होता है, जिसे सर्वोच्च वेतनमान कहा जाता है। इस वेतनमान में शामिल हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, मूल वेतन: करीब 2,25,000 रुपये प्रति माह मिलता है। महंगाई भत्ता (डीए): 46% की मौजूदा दर पर करीब 1,03,500 रुपये मिलती है। मकान किराया भत्ता (एचआरए): करीब 67,500 रुपये (अगर कोई सरकारी आवास नहीं है) अन्य भत्ते: करीब 30,000 रुपये जिसमें विशेष भत्ता, परिवहन भत्ता और अन्य लाभ शामिल हैं
इस तरह सभी भत्तों को मिलाकर एक डीजीपी का कुल मासिक वेतन करीब 3.5 लाख रुपये से 4 लाख रुपये होता है। हालांकि, अधिकांश डीजीपी को सरकारी आवास, वाहन, सुरक्षाकर्मी और अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं, जिनका मौद्रिक मूल्य इससे अलग होता है।
केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग का गठन किया है, जिसकी सिफारिशों के आधार पर सरकारी कर्मचारियों के वेतन में संशोधन किया जाएगा। करीब 25-30 फीसदी की बढ़ोतरी संभव है, जिससे डीजीपी का मूल वेतन करीब 2,80,000 से 3,00,000 रुपये प्रति माह हो सकता है।
नई गणना पद्धति के आधार पर महंगाई भत्ते को समायोजित किया जा सकता है। पिछले वेतन आयोगों की तरह 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर का प्रावधान हो सकता है, जिससे मूल वेतन में और बढ़ोतरी हो सकती है। इन सभी कारकों को मिलाकर 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश के डीजीपी का कुल मासिक वेतन करीब 5 लाख रुपये से 5.5 लाख रुपये तक पहुंच सकता है।
उत्तर प्रदेश के डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) को कई सुविधाएं मिलती हैं, जिसमें सरकारी आवास, वाहन, सुरक्षाकर्मी और अन्य सुविधाएं शामिल हैं। इसके अलावा उन्हें मासिक वेतन भी मिलता है, जो 8वें वेतन आयोग के बाद 5-5.5 लाख रुपये तक पहुंच सकता है।
No related posts found.