हरदोई की महिलाएं पहली बार निकली कावड़ यात्रा पर, मेंहदीघाट से लाकर करेंगी बड़े महादेव का जलाभिषेक

हरदोई के हरियावां गांव से पहली बार महिलाएं कांवर यात्रा पर मेंहदीघाट के लिए रवाना हुईं। गंगाजल लाकर सिद्धनाथ मंदिर में भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगी। गांव में उत्साह, परंपरा में महिलाओं की भागीदारी को सराहा गया।

Hardoi: हरदोई जिले के हरियावां गांव में आज का दिन ऐतिहासिक बन गया, जब गांव की महिलाओं का एक समूह पहली बार कावड़ यात्रा पर निकला। सावन माह में भगवान भोलेनाथ के जलाभिषेक के लिए श्रद्धालु महिलाएं आज सुबह बस द्वारा हरियावां स्थित प्रसिद्ध महादेव श्री सिद्धनाथ मंदिर से कन्नौज के मेंहदीघाट के लिए रवाना हुईं।

गंगाजल लाकर करेंगी जलाभिषेक
यह सभी महिलाएं मेंहदीघाट पहुंचकर गंगाजल भरेंगी और उसे लेकर लौटकर सिद्धनाथ मंदिर में स्थित बड़े महादेव का जलाभिषेक करेंगी। गांव में “हर-हर महादेव” और “बम-बम बोले” के नारों के साथ महिलाओं को रवाना किया गया। यह पहली बार है जब गांव की महिलाओं ने भोलेनाथ की सेवा में ऐसी पहल की है।

पुरुषों के बाद अब महिलाओं की आस्था भी बनी मिसाल
हरियावां गांव में सावन के महीने में पुरुषों द्वारा कावड़ लाने की परंपरा काफी समय से चली आ रही है। कई युवा डाक कावड़ लेकर भी बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं। लेकिन इस बार महिलाओं ने भी यह संकल्प लिया है कि वे भोलेनाथ के दर्शन करने और जल चढ़ाने का सौभाग्य स्वयं प्राप्त करेंगी।

महिलाओं ने कहा कि “अब तक हमारे घर के पुरुष ही जलाभिषेक करते आए हैं, लेकिन इस बार हमें भी भोलेनाथ का बुलावा मिला, इसलिए हम खुद गंगाजल लेने निकली हैं।”

सिद्धनाथ मंदिर में गहरी आस्था
हरियावां गांव में स्थित सिद्धनाथ मंदिर क्षेत्र का अत्यंत श्रद्धेय और ऐतिहासिक मंदिर है। यहां सावन के महीने में हज़ारों श्रद्धालु गंगाजल लाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। स्थानीय मान्यता है कि यहां भोलेनाथ को जल चढ़ाने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

गांव में उत्साह, महिलाओं को मिला भरपूर समर्थन
महिला कांवर यात्रियों के इस पहले जत्थे को गांव के लोगों और परिवारजनों ने उत्साहपूर्वक विदा किया। स्थानीय ग्रामीणों ने इसे एक सकारात्मक परंपरा की शुरुआत बताया और कहा कि आने वाले वर्षों में और महिलाएं इस परंपरा को निभाएंगी।

यह पहला मौका है जब हरदोई के हरियावां गांव की महिलाएं खुद गंगाजल लेकर बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगी जो न केवल श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक बदलाव की दिशा में भी एक प्रेरणादायक कदम है।

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