

फरेंदा में यात्रियों की सुविधा को ताक पर रखकर सरकारी बसें पिपरामौनी चौराहे पर स्थित चौधरी होटल पर बिना अनुमति के रुक रही हैं। यह स्थान विभागीय सूची में अधिकृत स्टॉपेज नहीं है। बस चालक और परिचालकों की मनमानी से यात्रियों को देरी, असुविधा और निजी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
हाईवे ढाबे पर बसों से बढ़ रही परेशानी
Maharajganj: यात्रियों की सुविधा के लिए चलाई जाने वाली सरकारी रोडवेज बसें अब खुद ही यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बन रही हैं। फरेंदा क्षेत्र के पिपरामौनी चौराहे पर स्थित चौधरी होटल पर बसों का बार-बार रुकना स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बन चुका है। यह स्थान न तो विभागीय दस्तावेज़ों में अधिकृत बस स्टॉपेज है और न ही यात्री सुविधा केंद्र, फिर भी यहां सरकारी बसें नियमित रूप से रुक रही हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, स्थानीय यात्रियों का आरोप है कि बस चालक और परिचालक अपनी निजी सहूलियत और फायदे के लिए चौधरी होटल पर बसें रोकते हैं। यह ठहराव कभी-कभी 15 से 20 मिनट तक चलता है, जिससे यात्रियों की यात्रा अनावश्यक रूप से लंबी हो जाती है। खासकर महिलाएं, बुजुर्ग और छोटे बच्चों के साथ यात्रा कर रहे परिवार इस देरी से बेहद परेशान हैं।
महराजगंज: फरेंदा के पिपरामौनी चौराहे पर स्थित चौधरी होटल पर बसों का बार-बार रुकना स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बन चुका है। यह स्थान न तो विभागीय दस्तावेज़ों में अधिकृत बस स्टॉपेज है और न ही यात्री सुविधा केंद्र।@Uppolice @maharajganjpol #bus #bussurvice pic.twitter.com/iz7ytdXj9l
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 10, 2025
फरेंदा से कोल्हुई की महज 20 किलोमीटर की दूरी तय करने वाले यात्रियों को भी होटल पर रुकने की वजह से अपनी अगली ट्रेन या दूसरी बसें मिस करनी पड़ती हैं। इससे उनका समय, पैसा और जरूरी कार्य सभी प्रभावित हो रहे हैं।
स्थानीय संगठनों और व्यापारियों ने इस मुद्दे को गंभीर लापरवाही करार दिया है। उनका कहना है कि अगर सरकारी बसें ऐसे गैर-अधिकृत स्थानों पर रुकती रहीं तो आम जनता का भरोसा रोडवेज सेवा से उठ जाएगा। चौधरी होटल, जो एक निजी व्यावसायिक स्थल है, बसों का अनौपचारिक अड्डा बन चुका है, जो कि नियमों के विरुद्ध है। लोगों का मानना है कि अगर यह मनमानी रोकी नहीं गई तो आगे चलकर यह एक खराब परंपरा बन जाएगी, जहां चालक और परिचालक अपनी मर्जी से बस को कहीं भी रोक सकेंगे। इससे न केवल यात्रियों की परेशानी बढ़ेगी बल्कि विभाग की छवि पर भी सवाल खड़े होंगे।
स्थानीय जनता ने परिवहन विभाग और रोडवेज प्रशासन से इस पर तुरंत संज्ञान लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि बसों को केवल अधिकृत स्टॉपेज पर ही रुकने का निर्देश दिया जाए और जो कर्मचारी इस नियम का उल्लंघन करें, उन पर सख्त कार्रवाई हो।
फिलहाल, यात्रियों और स्थानीय लोगों के बीच यही सवाल चर्चा का विषय बना है, "क्या रोडवेज प्रशासन इस मनमानी पर रोक लगाएगा या यात्रियों की समस्याएं यूं ही जारी रहेंगी?"