

AAP नेता और UPSC गुरु अवध ओझा ने यूपी विधानसभा चुनाव 2027 में अखिलेश यादव के लिए प्रचार करने की घोषणा की है। कुशीनगर के सपा कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन शिक्षा नीति को लेकर अखिलेश का समर्थन करेंगे। इस बयान से प्रदेश की सियासत में नई चर्चा शुरू हो गई है।
अवध ओझा और अखिलेश यादव
Kushinagar: उत्तर प्रदेश की राजनीति में उस समय नई हलचल मच गई, जब आम आदमी पार्टी (AAP) के चर्चित नेता और यूपीएससी गुरु के नाम से प्रसिद्ध अवध ओझा ने आगामी विधानसभा चुनाव 2027 में समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए प्रचार करने का ऐलान कर दिया। यह घोषणा उन्होंने कुशीनगर जिले के रामकोला में आयोजित एक सपा कार्यक्रम के दौरान की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अवध ओझा ने कहा, "मैं अखिलेश यादव को देश के उन चुनिंदा नेताओं में मानता हूं, जिनके साथ मैंने तीन घंटे तक शिक्षा नीति पर विस्तृत चर्चा की है। उनकी सोच व्यावहारिक, दूरदर्शी और विद्यार्थियों के हित में है।" उन्होंने स्पष्ट किया कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन अगर अखिलेश यादव की ओर से बुलावा आया, तो वे प्रचार करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
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राजनीतिक दृष्टि से यह बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी, दोनों ही भाजपा के खिलाफ विपक्षी राजनीति में सक्रिय हैं, लेकिन दोनों दलों की रणनीति और नेतृत्व अब तक अलग-अलग रास्तों पर चलते रहे हैं। ऐसे में अवध ओझा जैसे प्रभावशाली व्यक्ति का अखिलेश यादव के पक्ष में प्रचार करने की बात कहना, आने वाले चुनाव में गठबंधन राजनीति की संभावना को भी हवा दे सकता है।
अवध ओझा ने कहा, "राजनीति में मेरी सक्रियता विचारधारा आधारित है, मैं जनता के मुद्दों को उठाने और जागरूकता फैलाने का काम करता रहूंगा। चुनावी मैदान में उतरने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है, लेकिन सही सोच वाले नेता का साथ देना मेरा कर्तव्य है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि शिक्षा के मुद्दे पर आज के अधिकतर नेता गंभीर नहीं हैं, लेकिन अखिलेश यादव ने इस विषय पर जितनी गंभीरता दिखाई है, वह उन्हें प्रेरित करती है।
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रामकोला में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता, स्थानीय नेता और ग्रामीण नागरिक मौजूद रहे। यह कार्यक्रम आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी की जमीनी तैयारियों का हिस्सा था। अवध ओझा की मौजूदगी ने इस कार्यक्रम को विशेष बना दिया और राजनीतिक हलकों में इसकी व्यापक चर्चा शुरू हो गई।