UPSC का बड़ा फैसला: ग्रेटर नोएडा की IAS रानी नागर को मिली राहत, नहीं दिया कंपलसरी रिटायरमेंट, जानें पूरा मामला

अब हरियाणा सरकार ने तैयारी तेज कर दी है। रानी नागर को UPSC का प्रस्ताव उनके ईमेल और रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से चार बार 2 अप्रैल, 14 मई, 9 जून और 24 जून 2025 को भेजा गया है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 10 July 2025, 8:36 AM IST
google-preferred

Greater Noida/Haryana News: हरियाणा कैडर की 2014 बैच की आईएएस अधिकारी रानी नागर को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) से बड़ी राहत मिली है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, यूपीएससी ने हरियाणा सरकार के उस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है, जिसमें रानी नागर को अनिवार्य सेवानिवृत्ति (Compulsory Retirement) देने की सिफारिश की गई थी। आयोग ने इसके स्थान पर उनके ग्रेड में दो साल की कटौती का सुझाव दिया है।

क्या है पूरा मामला?

हरियाणा सरकार ने 9 जून 2023 को केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय (DoPT) को एक प्रस्ताव भेजा था, जिसमें कहा गया कि रानी नागर को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाए। मंत्रालय ने यह प्रस्ताव UPSC को विचार के लिए भेज दिया।

UPSC ने मामले की गहन समीक्षा करने के बाद 30 मई 2024 को अपना निर्णय दिया। आयोग ने हरियाणा सरकार के प्रस्ताव से असहमति जताते हुए कहा कि रानी नागर को कंपलसरी रिटायर करना उचित नहीं है। इसके बजाय उनके ग्रेड में दो वर्ष की कटौती करने की सिफारिश की गई।

हरियाणा सरकार ने जताई असहमति, मंत्रालय ने लौटाया प्रस्ताव

UPSC के प्रस्ताव के बाद DoPT ने 11 जून 2024 को यह रिपोर्ट हरियाणा सरकार को भेज दी। लेकिन राज्य सरकार इससे संतुष्ट नहीं हुई और 20 जनवरी 2025 को पुनः कंपलसरी रिटायरमेंट का संशोधित प्रस्ताव केंद्र को भेज दिया।

30 जनवरी 2025 को मंत्रालय ने प्रस्ताव यह कहते हुए वापस कर दिया कि UPSC के प्रस्ताव से असहमति जताने के पीछे हरियाणा सरकार ने कोई ठोस कारण नहीं दिया है। साथ ही, संबंधित अधिकारी रानी नागर की ओर से कोई प्रतिवेदन या जवाब भी साथ नहीं भेजा गया। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि जब तक असहमति के विस्तृत कारण और रानी नागर का पक्ष शामिल नहीं किया जाता तब तक प्रस्ताव पर पुनर्विचार नहीं किया जा सकता।

हरियाणा सरकार की अगली रणनीति

अब हरियाणा सरकार ने तैयारी तेज कर दी है। रानी नागर को UPSC का प्रस्ताव उनके ईमेल और रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से चार बार 2 अप्रैल, 14 मई, 9 जून और 24 जून 2025 को भेजा गया है। अब सरकार मंत्रालय को यह सूचित करेगी कि प्रस्ताव संबंधित अधिकारी को भेजा जा चुका है, और उनके उत्तर का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद ही अगला कदम उठाया जाएगा।

कौन हैं रानी नागर और क्यों हैं विवादों में?

रानी नागर का नाम अक्सर विवादों में रहा है। अपने सेवा काल में उन्होंने कई गंभीर आरोप लगाए और प्रशासनिक सिस्टम पर सवाल उठाए। पढ़ें उनके पांच प्रमुख विवाद:

1. उत्पीड़न का आरोप

2018 में जब रानी नागर पशुपालन विभाग में अतिरिक्त सचिव थीं, तब उन्होंने विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव पर उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए थे।

2. कैब और ऑटो ड्राइवर से जान का खतरा बताया

उन्होंने एक बार कैब ड्राइवर पर अभद्रता का आरोप लगाया और सिरसा में एसडीएम रहते हुए एक ऑटो ड्राइवर से जान को खतरा बताया। इस संबंध में उन्होंने डीजीपी से शिकायत कर सुरक्षा की मांग की थी।

3. इस्तीफे की पेशकश

2020 में उन्होंने सुरक्षा कारणों से इस्तीफा दे दिया था, जो काफी चर्चा का विषय बना। हालांकि, हरियाणा सरकार ने उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया और वह यूपी लौट गईं।

4. खाने में कील परोसने का आरोप

2020 में रानी नागर और उनकी बहन रीमा नागर ने एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया कि उन्हें चंडीगढ़ यूटी गेस्ट हाउस में भोजन में लोहे की कील परोसी गई। इस वीडियो को उन्होंने अपने "बयान" के रूप में अदालत में दर्ज करने की अपील भी की।

5. सुरक्षा को लेकर कोर्ट पहुंचे

2022 में लॉकडाउन के दौरान उन्होंने वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों और पुलिस अफसरों पर सुरक्षा न देने का आरोप लगाया और कोर्ट में याचिका दायर की। उन्होंने खुद को असुरक्षित बताते हुए इस्तीफा देकर गाजियाबाद लौटने की घोषणा की।

Location : 

Published :