

उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है। नदियां उफान पर हैं, सड़कों पर पानी भर गया है और कई जिलों में जनजीवन ठहर-सा गया है। मौसम विभाग ने आगामी 48 घंटों के लिए भारी बारिश और वज्रपात की चेतावनी जारी की है। सरकार और प्रशासन अलर्ट मोड पर हैं।
मौसम अपडेट (Img: Google)
Lucknow: उत्तर प्रदेश में मॉनसून सक्रिय रूप से कहर बरपा रहा है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं, सड़कों पर जलभराव हो गया है और ग्रामीण से लेकर शहरी इलाकों तक जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई जिलों में स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी गई है और प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की अपील की है।
पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों में बारिश जारी
मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार और मंगलवार को भी प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों में व्यापक बारिश जारी रहेगी। सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, बरेली, सीतापुर, मथुरा, आगरा जैसे जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
इन जिलों में तेज बारिश की संभावना
लखनऊ, कानपुर, रायबरेली, बाराबंकी, अमेठी, फतेहपुर, आजमगढ़, देवरिया, गोरखपुर, मेरठ, बुलन्दशहर, अलीगढ़, मुरादाबाद जैसे कई जिलों में बिजली चमकने और गरज के साथ तेज बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं, झांसी, चित्रकूट, हमीरपुर, ललितपुर जैसे बुंदेलखंड क्षेत्र में भी अच्छी बारिश होने के संकेत हैं।
मौसम वैज्ञानिक के अनुसार, उत्तर प्रदेश में मॉनसून द्रोणिका रेखा (Monsoon Trough) इस समय शामली, शाहजहांपुर और लखनऊ से होकर गुजर रही है, जिसके कारण प्रदेश में मौसमी प्रणाली अत्यंत सक्रिय हो गई है। इसके अलावा, बिहार के समीपवर्ती उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है जो बंगाल की खाड़ी से आ रही पुरवईया हवाओं को पश्चिमी विक्षोभ से टकरा रहा है। इससे लगातार भारी बारिश हो रही है।
प्रदेश के कई जिलों में लुढ़का तापमान
वहीं 4 अगस्त की सुबह से लेकर शाम तक सिद्धार्थनगर में 96 मिमी, बरेली में 66.6 मिमी, फुर्सतगंज (अमेठी) में 70.1 मिमी और कौशांबी में 65.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई। लखनऊ के मलिहाबाद में 61.5 मिमी और एयरपोर्ट क्षेत्र में 34.7 मिमी बारिश हुई। बारिश के चलते राजधानी लखनऊ का अधिकतम तापमान सामान्य से 4.8 डिग्री गिरकर 28.5 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है।
सरकार ने सभी जिला अधिकारियों को अलर्ट पर रहने और आवश्यक बचाव कार्यों के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। जलभराव की समस्या से निपटने के लिए नगर निगमों को सतर्क किया गया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात की गई हैं।