Site icon Hindi Dynamite News

UP STF की बड़ी कामयाबी: दिल्ली-यूपी में पिस्टल सप्लाई करने वाला मेरठ से दबोचा, जानें कैसे करता था मौत का सौदा

उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने एक अंतरराज्यीय अवैध हथियार तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो पंजाब, दिल्ली और हरियाणा से फर्जी दस्तावेजों के जरिए अवैध हथियार खरीदकर उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में सप्लाई करता था। इस नेटवर्क का मुख्य सरगना इमरान मेरठ से गिरफ्तार हुआ है।
Post Published By: ईशा त्यागी
Published:
UP STF की बड़ी कामयाबी: दिल्ली-यूपी में पिस्टल सप्लाई करने वाला मेरठ से दबोचा, जानें कैसे करता था मौत का सौदा

Meerut News: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एक बार फिर अपनी मुस्तैदी से एक बड़े अंतरराज्यीय हथियार तस्कर गिरोह का खुलासा किया है। गिरोह का सरगना इमरान पुत्र तस्लीम अहमद को मेरठ के हापुड़ अड्डा क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है। इस गिरोह के सदस्य लंबे समय से पंजाब, दिल्ली और हरियाणा से अवैध हथियार लाकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ऊंचे दामों पर बेचते थे।

पकड़े गए अपराधी का आपराधिक इतिहास खौफनाक

एसटीएफ की पूछताछ में इमरान ने कबूल किया है कि उसका नेटवर्क पूरे उत्तर भारत में फैला हुआ है। उसकी मुलाकात साल 2015 में तिहाड़ जेल में दिल्ली के कुख्यात गैंगस्टर इवेले हसन के जरिए हासिम बाबा और नासिर गैंग से हुई थी। तभी से इमरान इन गैंगों से जुड़े हथियार तस्करी के नेटवर्क का हिस्सा बन गया।

ट्रंप ने अफगानिस्तान को दी चेतावनी: बगराम एयरबेस वापस दो, नहीं तो भुगतोगें अंजाम

हुआ बड़ा खुलासा

इमरान ने पुलिस को बताया कि वह और उसके साथी सारिक, अनिल बालियान उर्फ बंजी, रोहन और रिजवान मिलकर पंजाब के मरहटा गन हाउस, अमृतसर से फर्जी रसीदों पर अवैध हथियार खरीदते थे। 17 बंदूकें (12 बोर) और 700 कारतूस इसी तरह खरीदे गए थे। बाद में इन्हें उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा में ऊंचे दामों पर बेचा गया।

अब तक गिरफ्तार हुए आरोपी

तस्करी का तरीका और मुनाफा

गिरोह फर्जी दस्तावेज बनवाकर असलहे 40-50 हजार रुपये में खरीदता था और प्रत्येक बंदूक को 1 लाख रुपये, जबकि कारतूस को 200-250 रुपये प्रति नग में बेचता था। कुछ पिस्टल दिल्ली से 4.5 लाख में खरीदकर 6.5 लाख रुपये तक में बेची जाती थी।

Pakistani Army Firing: पाकिस्तान ने फिर की बड़ी हरकत, भारतीय सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब

इमरान पर दर्ज संगीन आपराधिक मुकदमे

Exit mobile version