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रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की तेज हुई धड़पकड़ पर सपा प्रवक्ता मनोज यादव ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। कहा कि पिछले साढ़े आठ सालों में सरकार सोती रही और जो घुसपैठिए आए, उन्हें बीजेपी ही लाई। जेलों में जाति आधारित कामकाज पर भी उन्होंने सरकार को घेरा।
रोहिंग्या-बांग्लादेशी मुद्दे पर सपा का हमला
Lucknow: यूपी में रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ तेज हुई कार्रवाई को लेकर सियासत गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनोज यादव ने योगी सरकार और केंद्र की बीजेपी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि अगर घुसपैठिए यूपी में मौजूद हैं तो उन्हें बीजेपी ही लेकर आई है, क्योंकि सीमा सुरक्षा बल सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करता है।
मनोज यादव ने कहा कि भाजपा सरकार अचानक सख़्ती दिखा रही है, जबकि बीते साढ़े आठ वर्ष में उसने इस समस्या पर ध्यान ही नहीं दिया। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, अगर बांग्लादेशी और रोहिंग्या यूपी में हैं, तो उन्हें बीजेपी लेकर आई है। पाकिस्तान और बांग्लादेश के मुसलमानों से बीजेपी को खास प्यार है।
यादव ने सवाल उठाया कि जब बॉर्डर फोर्स गृह मंत्रालय के अधीन है, तो पिछले 11 वर्षों में ये घुसपैठिए देश में आए कैसे? उन्होंने दावा किया कि भाजपा पहले घुसपैठ होने देती है और बाद में उन्हें निकालने की बात कर अपनी राजनीतिक छवि चमकाती है।
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सपा प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में बड़ा फर्क है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी घुसपैठ को रोकने में विफल रही और बाद में खुद ही धरपकड़ कर "कानून-व्यवस्था सुधार" का दावा करती है। जनता को भ्रमित करने के लिए यह मुद्दा बार-बार उठाया जाता है। सपा का कहना है कि असली मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए बीजेपी ऐसे कदम उठाती है।
यूपी की जेलों में कैदियों से जाति आधारित कामकाज कराए जाने को लेकर भी मनोज यादव ने संघ और भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, जाति व्यवस्था संघ और मनुवादियों का बनाया हुआ ढांचा है। न समाजवादियों ने इसे बनाया है और न बाबा साहब के संविधान ने।
सपा का कहना है कि कैदियों से उनके कौशल के अनुसार काम कराया जाना चाहिए। जाति आधारित कार्य प्रणाली संविधान के खिलाफ है। सरकार को जेल मैनुअल में सुधार करने की जरूरत है मनोज यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी बराबरी की सोच में विश्वास रखती है और सरकार को भी संविधान के मुताबिक काम करना चाहिए।
सपा प्रवक्ता के इन बयानों के बाद यूपी की राजनीति में नई बहस शुरू हो गई है। एक ओर भाजपा सरकार लगातार दावा कर रही है कि वह "घुसपैठियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस" नीति पर काम कर रही है, वहीं सपा का कहना है कि सरकार की यह कार्रवाई देर से उठाया गया राजनीतिक कदम है।