UP News: जंगली जानवर के हमले से सहमा सोनभद्र का तुर्रीडीह गांव, चार बकरियों की मौत से मचा हड़कंप

सोनभद्र के तुर्रीडीह गांव में जंगली जानवर के हमले में चार बकरियों की मौत हो गई और एक गर्भवती बकरी को उठा ले गया। घटना के बाद गांव में दहशत फैल गई है, वन विभाग जांच और गश्त में जुटा है।

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 14 July 2025, 7:36 AM IST
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Sonbhadra: जिले के दुद्धी कोतवाली अंतर्गत बघाडू रेंज के तुर्रीडीह गांव में एक हिंसक जंगली जानवर के हमले में चार बकरियों की मौत हो गई, जिससे पूरे गांव में दहशत फैल गई है। हमले के दौरान जानवर एक गर्भवती बकरी को उठा कर जंगल की ओर ले गया, जिसकी अब तक कोई सूचना नहीं है। ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि यह हमला तेंदुए ने किया है, हालांकि वन विभाग अभी इसकी पुष्टि नहीं कर सका है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, रविवार रात तेज बारिश के चलते एक ग्रामीण परिवार ने अपनी 13 बकरियों को घर के अंदर बांस के दरवाजे से बंद कर रखा था। देर रात जंगली जानवर ने दरवाजे को तोड़ दिया और भीतर घुसकर बकरियों पर हमला कर दिया। ग्रामीणों के अनुसार जानवर ने बकरियों को करीब 100 मीटर दूर तक घसीटकर ले गया। इस हमले में तीन बकरियों और एक बकरे की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक गर्भवती बकरी को जानवर उठा ले गया।

बांस का दरवाजा तोड़कर घर में घुसा जंगली जानवर

हमले की जानकारी मिलते ही गांव में अफरा-तफरी मच गई और ग्रामीण भयभीत हो उठे। सूचना पर वन विभाग की टीम तुरन्त गांव पहुंची और मौके का निरीक्षण किया। टीम में रेंजर सरिता गौतम, वन दरोगा विशाल कुमार और अन्य अधिकारी शामिल थे। निरीक्षण के बाद पशु चिकित्सक डॉ. रुद्रेश यादव ने पुष्टि की कि यह हमला निश्चित रूप से किसी हिंसक जंगली जानवर का है, लेकिन अभी यह तय नहीं हो पाया है कि हमला तेंदुए ने किया या किसी अन्य हिंसक जानवर ने।

Leopard Attack sonbhdra

पुलिस को घटना की जानकारी देते ग्रामीण

मौके पर मौजूद ग्राम प्रधान विदवंत घसिया ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से गांव और आसपास के इलाकों में जंगली जानवरों की आवाजाही में अचानक वृद्धि हुई है, जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब गांव में जंगली जानवर ने हमला किया हो।

वन विभाग ने गश्त बढ़ाई, टॉर्च लेकर चलने की सलाह

वन रेंजर सरिता गौतम ने बताया कि मोरम और गीली मिट्टी के चलते जंगली जानवर के पंजों के निशान स्पष्ट नहीं हो पाए हैं, जिससे जानवर की पहचान करना मुश्किल हो रहा है। बावजूद इसके वन विभाग पूरी तरह सतर्क है और इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है।

ग्रामीणों को वन विभाग ने अलर्ट रहने की सलाह दी है। सरिता गौतम ने कहा कि रात में अकेले घर से बाहर न निकलें, यदि निकलना जरूरी हो तो समूह में निकलें और टॉर्च जरूर साथ रखें। साथ ही मवेशियों को रात में घर के अंदर सुरक्षित स्थान पर रखने की सख्त हिदायत दी गई है।

वन विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कोई भी जंगली जानवर दिखाई दे तो तुरंत विभाग को सूचित करें और खुद से किसी भी प्रकार की कार्यवाही से बचें। विभाग द्वारा जल्द ही इलाके में कैमरे लगाने और ट्रैकिंग की व्यवस्था करने की योजना भी बनाई जा रही है, ताकि हमलावर जानवर की पहचान की जा सके।

ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है कि गांव में वन्यजीवों के बढ़ते खतरे को देखते हुए ठोस कदम उठाए जाएं ताकि लोगों और मवेशियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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