UP News: दोबारा पहुंची सरकंडी में खाद्यान्न घोटाले की जांच, उपभोक्ता-कोटेदार आमने-सामने

फतेहपुर के ग्राम पंचायत सरकंडी में खाद्यान्न घोटाले की जांच को लेकर शुक्रवार को प्रशासनिक टीम के पहुंचते ही माहौल गरमा गया। दो कोटेदारों पर राशन की घटतौली और गड़बड़ी के आरोपों को लेकर उपभोक्ता और कोटेदार आमने-सामने आ गए। पढ़ें पूरी खबर

Fatehpur News: फतेहपुर के ग्राम पंचायत सरकंडी में खाद्यान्न घोटाले की जांच को लेकर शुक्रवार को प्रशासनिक टीम के पहुंचते ही माहौल गरमा गया। दो कोटेदारों पर राशन की घटतौली और गड़बड़ी के आरोपों को लेकर उपभोक्ता और कोटेदार आमने-सामने आ गए। मामला इतना बढ़ा कि पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा और स्थिति को किसी तरह संभाला गया।

क्या है पूरी खबर

बता दें कि ग्राम पंचायत सरकंडी के कोटेदार शिवशंकर तिवारी उर्फ बिद्दन और मिथलेश कुमारी पत्नी सुनील तिवारी पर उपभोक्ताओं ने महीनों से गरीबों का हक मारने के गंभीर आरोप लगाए हैं। करीब चार दर्जन से अधिक कार्डधारकों ने जिलाधिकारी को लिखित शिकायत कर कार्रवाई की मांग की थी।

एक घंटे में करीब 80 से 100 कार्डधारकों से बयान

जिलाधिकारी के आदेश पर गठित दस सदस्यीय प्रशासनिक टीम बुधवार को पहली बार जांच के लिए मुंजीकुआं सरकंडी पहुंची थी। उस दौरान 791 पंजीकृत कार्डधारकों में से केवल 150 लोगों के बयान दर्ज हो पाए थे। शुक्रवार को टीम दूसरी बार गांव पहुंची और करीब एक घंटे में करीब 80 से 100 कार्डधारकों से बयान दर्ज किए।

कई बार अंगूठा लगवाकर राशन

जांच टीम ने उपभोक्ताओं के बयान के साथ उनके हस्ताक्षर और वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई। इनमें लगभग 70 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने कोटेदारों पर आरोप लगाया कि वे घटतौली करते हैं, सर्वर न होने का बहाना बनाकर बार-बार दौड़ाते हैं और कई बार अंगूठा लगवाकर राशन नहीं देते। वहीं, कुछ उपभोक्ताओं ने कोटेदारों का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें हमेशा सही मात्रा में खाद्यान्न मिलता है।

पुलिस ने हस्तक्षेप कर हल्का बल

इसी दौरान आरोप लगाने वाले उपभोक्ताओं और कोटेदारों के बीच कहासुनी बढ़कर झड़प में बदल गई। स्थिति बिगड़ती देख मौके पर मौजूद पुलिस ने हस्तक्षेप कर हल्का बल प्रयोग किया और हालात काबू में किए। कोटेदार शिवशंकर तिवारी और मिथलेश कुमारी ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्रत्येक उपभोक्ता को बराबर राशन दिया जाता है। उन्हें बदनाम करने के लिए यह साजिश रची जा रही है।

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जांच टीम में नायब तहसीलदार राकेश वर्मा, आपूर्ति निरीक्षक उमेश शुक्ला, राजस्व निरीक्षक रामआसरे विश्वकर्मा, रजनीश श्रीवास्तव और चार लेखपाल समेत कुल दस अधिकारी शामिल रहे। अधिकारियों का कहना है कि जांच प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी और अंतिम रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी। टीम ने यह भी संकेत दिया है कि जल्द ही तीसरी बार जांच कर शेष बचे कार्डधारकों के बयान दर्ज किए जाएंगे।

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