देवरिया में ईंट भट्टा मालिक के जीएसटी नंबर का दुरुपयोग कर 48 फर्मों ने करोड़ों की खरीदारी की। पुलिस ने सभी दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। व्यापारियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स- इंटरनेट)
Deoria: देवरिया से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। महुआडीह थाना क्षेत्र के हेतिमपुर इलाके में स्थित ग्राम भुजौली निवासी और ईंट भट्टा संचालक रणबीर सिंह के जीएसटी नंबर का दुरुपयोग कर 48 फर्मों ने करोड़ों रुपये की खरीदारी की है। इस मामले में पुलिस ने न्यायालय के आदेश के बाद 48 फर्मों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, रणबीर सिंह बाबा टोला स्थित अपने ईंट भट्टा के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने बताया कि 2022 से 2025 के बीच उनके ईंट भट्टा के जीएसटी नंबर का इस्तेमाल कर 48 अलग-अलग फर्मों ने बड़े पैमाने पर कोयले की खरीदारी की। जब जीएसटी डेटा में एंट्री की गई, तो गलत जानकारी देखकर प्रशासन और संबंधित अधिकारियों के होश उड़ गए।
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जांच में यह खुलासा हुआ कि झारखंड की 39 फर्म, बिहार की चार फर्म और पश्चिम बंगाल की पांच फर्मों ने रणबीर सिंह के जीएसटी नंबर का इस्तेमाल करके कोयले की खरीदारी की। इन फर्मों ने ईंट भट्टा के नाम पर करोड़ों रुपये का कारोबार किया। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय ने पुलिस को जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया।
महुआडीह थाना अध्यक्ष अमित राय ने बताया कि पुलिस ने शमशाद अंसारी, बेबी खातून, कृष्णा कुमार, रेखा देवी, दिनेश अग्रवाल, भगवान सिंह, अमित केजरीवाल, प्रमोद कुमार राय, सत्येंद्र कुमार सिंह, उदय कुमार और देवकी नंदन राय सहित कुल 48 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि सभी फर्मों के जीएसटी रिकार्ड और लेन-देन की पूरी जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रणबीर सिंह ने डाइनामाइट न्यूज से बातचीत में कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी तब मिली जब उन्होंने अपने जीएसटी डेटा की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि व्यापारियों के लिए यह एक चेतावनी है कि अपने जीएसटी नंबर और कारोबार के रिकॉर्ड की निगरानी नियमित रूप से की जानी चाहिए।
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देवरिया पुलिस ने मामले की जांच पूरी गंभीरता से शुरू कर दी है और उन्होंने सभी फर्मों के रिकार्ड खंगालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जांच के दौरान दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने व्यापारियों और आम लोगों से अपील की है कि वे अपने जीएसटी नंबर और कारोबार से संबंधित दस्तावेजों पर ध्यान दें और किसी भी संदिग्ध लेन-देन की जानकारी तुरंत अधिकारियों को दें।