

थाना फतेहपुर से संबंधित एक मामले में महिला की हत्या करने, विस्फोटक पदार्थ का इस्तेमाल करने एवं गैंगस्टर एक्ट के दो आरोपितों रामचंदर एवं रामनरेश को दोषी करार देते हुए दोनों को आजीवन कारावास दंड से दंडित किया। पढ़ें पूरी खबर
आरोपियों को मिली आजीवन कारावास की सज़ा
बाराबंकी: विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट, कोर्ट संख्या 8, अमित सिंह प्रथम ने थाना फतेहपुर से संबंधित एक मामले में महिला की हत्या करने, विस्फोटक पदार्थ का इस्तेमाल करने एवं गैंगस्टर एक्ट के दो आरोपितों रामचंदर एवं रामनरेश को दोषी करार देते हुए दोनों को आजीवन कारावास दंड से दंडित किया । साथ ही प्रत्येक पर 38000 का अर्थदंड भी लगाया।
क्या है पूरा मामला
विशेष लोक अभियोजक, गैंगस्टर एक्ट, रमेश चंद्र वर्मा ने बताया कि मामला फतेहपुर थाना अंतर्गत सैदनपुर गाँव का है। जहाँ के वादी मुकदमा राजकुमार ने थाने में प्रार्थना पत्र देकर बताया था कि 25/ 26 अगस्त 2003 की रात में मैं, मेरी बहन सरस्वती, बड़ा भाई राजेंद्र, भतीजा राजेश कुमार और माता जग्गा देवी छप्पर के बने मकान के नीचे खुली जगह पर सो रहे थे। रात के करीब 11:30 बजे हमारे गाँव के ही रामचंदर और रामनरेश हाथ में डंडा लाठी लेकर गालियां देते हुए हमारे छप्पर पर चढ़ाई कर दी। गाली गलौज के शोर से हम लोगों के नींद खुल गई, तो छप्पर में टंगी लालटेन की रोशनी में देखा कि रामचन्दर और रामनरेश गालियां दे रहे थे। रामनरेश ने कहा जान से मार दो सालों को और रामनरेश तथा रामचन्दर मेरे भाई राजेंद्र को मारने लगे, मेरी बहन सरस्वती, मां जग्गा देवी उसको बचाने के लिए दौड़ी तो इन लोगों ने मेरी मां और बहन को लाठी डंडों से बुरी तरह से मारा। मेरे चिल्लाने पर गाँव के लोग बीच बराव करने और रामचंद्र व रामनरेश को पकड़ने के लिए दौड़े। हम लोगों ने उनका नाम लेकर ललकारा।
इस पर रामनरेश रामचंद्र ने झोले में पहले से रखे हुए तीन बम जान से मारने की नीयत से हमारी तरफ फेंका। जिसमें से दो बम फट गए इससे गाँव वाले अपनी जान बचाकर भाग गए गांव में भय और आतंक फैल गया था। तभी दोनों आरोपित जान से मारने की धमकी देते हुए बाग़ की तरफ भाग गए। लाठी डंडों की मार से मेरी बहन सरस्वती और भाई राजेंद्र तथा मां जग्गा देवी को गंभीर चोटें आई थी, जिन्हें ट्रैक्टर से इलाज के लिए भिजवाया गया और पुलिस को सूचना की गई। इलाज के दौरान गंभीर रूप से घायल मेरी बहन सरस्वती की मृत्यु हो गई थी। सशपथ बयान के दौरान चोटिल भाई राजेंद्र कुमार और माता जग्गा देवी के साथ अन्य गवाहों के बयान दर्ज होने के पश्चात कोर्ट ने दोनों पक्षों को बहस सुनने के बाद मेडिकल रिपोर्ट व अन्य साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्तगणों रामचन्द्र व राम नरेश को घटना का दोषी पाते हुए दोनों को आजीवन कारावास के दण्ड से दण्डित किया साथ ही प्रत्येक पर जुर्माना भी लगाया।