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मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में सख्त सत्यापन के दौरान कई जिलों में शादीशुदा युवतियों द्वारा किए गए आवेदन पकड़े गए। चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 18 हजार से अधिक आवेदन निरस्त किए जा चुके हैं। विभाग ने सभी जिलों को आवेदनों की गहन जांच के निर्देश दिए हैं, ताकि योजना का लाभ केवल योग्य लाभार्थियों को ही मिल सके।
Lucknow: प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में गंभीर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। सरकारी सहायता पाने के लिए कई जिलों में पहले से शादीशुदा युवतियों द्वारा भी आवेदन किए गए थे। समाज कल्याण विभाग द्वारा किए गए सघन सत्यापन में इनकी वास्तविक स्थिति का खुलासा हुआ। इसके बाद विभाग ने ऐसे सभी आवेदनों को निरस्त कर दिया है। चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 18 हजार से अधिक आवेदन निरस्त किए जा चुके हैं, जिनमें कई मामले आधार डेटा के मिलान न होने से भी जुड़े हुए हैं।
लड़कियों के खाते में आते है पैसे
प्रदेश सरकार वर्ष 2017 से इस योजना का संचालन कर रही है, जिसका उद्देश्य गरीब परिवारों की बेटियों की शादी में आर्थिक सहायता प्रदान करना है। हाल ही में सरकार ने प्रत्येक कन्या के विवाह पर दी जाने वाली सहायता राशि को 51 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है। नई व्यवस्था के तहत 60 हजार रुपये सीधे कन्या के बैंक खाते में भेजे जाते हैं, 25 हजार रुपये मूल्य का सामान नवविवाहित दंपती को उपहार दिया जाता है, जबकि 15 हजार रुपये विवाह आयोजन पर खर्च किए जाते हैं।
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57 हजार विवाहों का लक्ष्य तय किया
सरकार ने पात्रता के तहत आय सीमा को भी दो लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपये वार्षिक कर दिया है, जिससे अधिक आर्थिक रूप से कमजोर परिवार इस योजना का लाभ ले सकें। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 57 हजार विवाहों का लक्ष्य तय किया गया है, लेकिन विभाग के अनुसार अब तक इस लक्ष्य के मुकाबले 1.20 लाख से ज्यादा आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। आवेदन संख्या दोगुनी होने से विभाग ने सत्यापन प्रक्रिया को और कठोर बनाया है।
कैसे हुआ खुलासा?
यही वजह है कि जांच में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई। बरेली, सोनभद्र, बागपत और कुछ अन्य जिलों में आवेदन करने वाली कई युवतियां विवाहित पाई गई। पूर्व में भी सामूहिक विवाह समारोहों के दौरान अनियमितताओं और फर्जीवाड़े के मामले सामने आते रहे हैं, ऐसे में विभाग इस बार किसी भी लापरवाही के मूड में नहीं है।
योजना के प्रभारी उपनिदेशक आर. पी. सिंह के अनुसार अब तक 21 हजार से अधिक आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं और 14 हजार से ज्यादा युवतियों का विवाह संपन्न भी कराया जा चुका है। जबकि अपात्र पाए जाने वाले सभी आवेदनों को निरस्त किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हर आवेदन का जिला स्तर पर गहन सत्यापन कराया जा रहा है ताकि योजना का लाभ वास्तविक जरूरतमंद परिवारों को ही मिल सके। सरकार का मानना है कि योजना गरीब परिवारों की सहायता के लिए है और इसमें किसी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विभाग द्वारा की जा रही सख्ती से यह स्पष्ट है कि आगामी महीनों में सत्यापन प्रक्रिया और तेज होगी तथा फर्जीवाड़े पर और अधिक रोक लगाई जाएगी।