

कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानदारों व होटल-ढाबा संचालकों को लेकर एक अहम निर्देश जारी किया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
कावड़ यात्रा
लखनऊ: श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही देशभर में भगवान शिव की उपासना शुरू हो जाती है। विशेष रूप से उत्तर भारत में लाखों की संख्या में श्रद्धालु कांवड़ यात्रा में भाग लेते हैं। इस बार यह यात्रा 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा के मद्देनजर सड़क किनारे दुकानदारों व होटल-ढाबा संचालकों को लेकर एक अहम निर्देश जारी किया है।
भगवान के नाम से नहीं चला सकते दुकान
उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कांवड़ यात्रा के दौरान कोई भी ढाबा, होटल या दुकान किसी भगवान या देवी-देवता के नाम पर नहीं चलाया जाएगा। सभी कारोबारी अपनी दुकानों पर स्वयं का नाम अंकित करेंगे। अगर कोई भगवान के नाम का इस्तेमाल करता है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आस्था के नाम पर नहीं होगा ‘धंधा’
मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने इसे आस्था के साथ खिलवाड़ बताते हुए कहा कि सरकार अब किसी भी हाल में धार्मिक भावनाओं से समझौता नहीं करेगी। यदि कोई निर्देशों का उल्लंघन करता है तो भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 223 के तहत तीन महीने की कैद, एक हजार रुपए का जुर्माना, या दोनों की संभावित सजा हो सकती है।
पिछले साल हुआ था बड़ा विवाद
गौरतलब है कि पिछले साल भी सरकार ने ऐसे ही निर्देश जारी किए थे। जिसे लेकर काफी विवाद हुआ था और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। अदालत ने तब इन निर्देशों पर अस्थायी रोक लगा दी थी। लेकिन इस बार मंत्री ने दोहराया कि सरकार धार्मिक भावनाओं को लेकर अब कोई नरमी नहीं बरतेगी। यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
प्रशासन रहेगा अलर्ट
हर साल की तरह इस बार भी कावड़ यात्रा के दौरान सड़कों पर भक्ति और श्रद्धा का माहौल रहेगा। मंदिरों, ढाबों और दुकानों पर शिव भक्ति के गीत, सजावट और सेवा के अनेक रूप दिखेंगे। लेकिन अब इन सबके बीच सरकार का यह सख्त निर्देश लागू रहेगा कि किसी भी दुकान या स्टॉल पर भगवान शिव या अन्य देवी-देवताओं के नाम का प्रयोग व्यवसायिक हित में नहीं किया जाएगा।