

इस सफलता को लेकर एम्स गोरखपुर की कार्यकारी निदेशक मेजर डॉक्टर विभा दत्ता ने सर्जरी और एनेस्थीसिया टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा, “यह ऑपरेशन न केवल एम्स गोरखपुर की तकनीकी दक्षता और टीमवर्क का प्रमाण है। बल्कि पूर्वांचल के लाखों मरीजों के लिए एक नई उम्मीद की किरण भी है।”
गोरखपुर एम्स में डॉक्टरों का चमत्कार
Gorakhpur News: एम्स गोरखपुर के डॉक्टरों ने 33 वर्षीय दीपिका कुमारी की जान बचा ली। महिला को पिछले तीन महीनों से लगातार पेट में असहनीय दर्द, तेज़ बुखार और अत्यधिक कमजोरी की शिकायत थी। कई अस्पतालों में इलाज कराने के बावजूद जब कोई सुधार नहीं हुआ तो उन्होंने एम्स गोरखपुर की सर्जरी ओपीडी में संपर्क किया।
महिला में कैंसर की पुष्टि
जांच के बाद सामने आया कि दीपिका की किडनी में लगभग 30x25 सेंटीमीटर आकार का कैंसरयुक्त ट्यूमर है, जिसका वजन करीब 3.5 किलोग्राम था। यह ट्यूमर शरीर की प्रमुख रक्त नली इन्फीरियर वेना कावा से चिपका हुआ था, जिससे ऑपरेशन के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव और जान का जोखिम बना हुआ था।
चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन था, लेकिन हार नहीं मानी
ट्यूमर की जटिलता को देखते हुए सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. गौरव गुप्ता ने इसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया। मरीज को तुरंत भर्ती कर एडवांस जांचें कराई गई और एक अंतरविभागीय विशेषज्ञ टीम के साथ मिलकर सर्जरी की विस्तृत योजना बनाई गई। डॉक्टरों ने पुष्टि की कि यह 'रीनल सेल कार्सिनोमा' था- एक प्रकार का गुर्दे का कैंसर, जिसमें ऑपरेशन के दौरान जरा सी चूक जानलेवा हो सकती है।
ऑपरेशन में जुटी विशेषज्ञों की टीम
ऑपरेशन से पहले एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार के नेतृत्व में डॉ. भूपेंद्र, डॉ. प्रियंका, डॉ. विजेता, डॉ. गणेश और डॉ. रवि की टीम ने मरीज को सफलतापूर्वक एनेस्थीसिया दिया। इसके बाद डॉ. गौरव गुप्ता, डॉ. धर्मेंद्र पीपल, डॉ. मुकुल सिंह, डॉ. रवि गुप्ता और जूनियर डॉक्टरों की टीम ने इस जोखिमपूर्ण सर्जरी को अंजाम दिया।
लगभग चार घंटे तक चला ऑपरेशन
लगभग चार घंटे तक चले ऑपरेशन में डॉक्टरों ने लेफ्ट किडनी के साथ कैंसरयुक्त ट्यूमर को सफलतापूर्वक शरीर से अलग कर दिया। इसके बाद मरीज को एनेस्थीसिया आईसीयू में शिफ्ट किया गया। जहां उसे दो यूनिट खून चढ़ाया गया। फिलहाल मरीज की हालत स्थिर है और जल्द ही उसे सर्जरी वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा।