Bareilly: शहर में अमर ज्योति फाइनेंस कंपनी के कथित घोटाले ने सनसनी फैला दी है। करोड़ों रुपये जमा कराने के बाद कंपनी के निदेशकों के फरार होने से हजारों निवेशक दहशत में हैं। अपनी गाढ़ी कमाई डूबने के डर से ठगे गए निवेशक रविवार सुबह कोतवाली पहुंचे और जमकर हंगामा किया। निवेशकों ने पुलिस से कार्रवाई कर उनकी रकम वापस दिलाने की मांग उठाई।
ऊंचे ब्याज का लालच देकर जमा कराई गई भारी रकम
जानकारी के अनुसार, अमर ज्योति फाइनेंस और अमर ज्योति रुहेलखंड निधि लिमिटेड के माध्यम से लोगों को ऊंचे ब्याज और सुरक्षित रिटर्न का लालच दिया गया था। कंपनी के निदेशक पूर्व भाजपा नेता सूर्यकांत मौर्य, शशिकांत मौर्य और उनका भांजा अनूप मौर्य लंबे समय से विभिन्न इलाकों में अपना नेटवर्क चलाते हुए निवेश करवाते थे।
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कटरा चांद खां निवासी सूर्यकांत और शशिकांत कंपनी का संचालन करते थे, जबकि अनूप मौर्य बाग ब्रिगटान क्षेत्र से लोगों को लुभाकर निवेश कराने में सबसे सक्रिय माना जा रहा है। पीड़ितों का कहना है कि इन तीनों ने मिलकर करोड़ों रुपये की ठगी की है। अब कंपनी के सभी कार्यालय बंद हैं और हर जगह ताले लटके हुए हैं।
निदेशकों के अचानक गायब होने से बढ़ी आशंका
रविवार सुबह जैसे ही निवेशकों को पता चला कि कंपनी के निदेशक फरार हो गए हैं, कई लोग अनूप मौर्य के घर पहुंचे। पीड़ितों का आरोप है कि परिजनों ने न सिर्फ कोई जवाब नहीं दिया बल्कि उन्हें धमकाने की कोशिश भी की।
इसके बाद गुस्साए निवेशक सीधे कोतवाली पहुंचे। कृष्णा मौर्य सहित कई पीड़ितों ने बताया कि उन्हें भरोसा दिलाकर लाखों रुपये जमा करवाए गए थे, लेकिन कई दिनों से कंपनी का कोई जिम्मेदार उनसे संपर्क में नहीं है। महिला निवेशकों ने भी आरोप लगाया कि “सुरक्षित निवेश” का झांसा देकर उनकी वर्षों की बचत हड़पी गई है।
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पुलिस ने जांच का भरोसा दिया
कोतवाली प्रभारी सुरेश चंद्र गौतम को निवेशकों ने तहरीर देकर पूरे मामले की जानकारी दी। प्रभारी निरीक्षक ने सभी को आश्वासन दिया कि शिकायत की गंभीरता से जांच की जाएगी और तथ्यों के आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि, कंपनी के बंद दफ्तर और निदेशकों की अचानक गायबगी से ठगी की आशंका और गहरी होती जा रही है। शहर में इस मामले को लेकर भारी चर्चा है और लोग इसे बरेली का बड़ा फाइनेंशियल फ्रॉड मान रहे हैं।
रकम वापसी की उम्मीद में भटके निवेशक
निवेशक अब पुलिस कार्रवाई और अपनी रकम की वापसी की उम्मीद लगाए हुए हैं। कई परिवारों ने अपनी जीवन भर की जमा पूंजी इस कंपनी में निवेश कर रखी थी। लगातार बढ़ते विरोध और शिकायतों के बाद पुलिस भी मामले को गंभीरता से देख रही है।
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कुल मिलाकर, कंपनी की अचानक बंदी और निदेशकों की फरारी ने पूरे शहर में हड़कंप मचा दिया है, जबकि पीड़ित निवेशकों की चिंता और गुस्सा लगातार बढ़ रहा है।

