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हरदोई में निकली बाबा तुरंतनाथ मंदिर की 30वीं शोभायात्रा, ये अनोखी झांकियां बनी आकर्षण का केंद्र

हरदोई के बाबा तुरंतनाथ मंदिर से निकली भव्य शोभायात्रा में 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसी झांकियों ने धार्मिक और राजनीतिक समन्वय को दर्शाया। योगी आदित्यनाथ पर आधारित झांकियां आकर्षण का केंद्र रहीं, भक्तिमय नारों से गूंजा वातावरण।
Post Published By: Tanya Chand
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हरदोई में निकली बाबा तुरंतनाथ मंदिर की 30वीं शोभायात्रा, ये अनोखी झांकियां बनी आकर्षण का केंद्र

Hardoi: सावन माह में हर साल की तरह इस बार भी उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में स्थित बाबा तुरंतनाथ मंदिर से भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। छोटे चौराहा क्षेत्र से शुरू हुई यह शोभायात्रा अब अपने 30वें वर्ष में प्रवेश कर चुकी है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस बार की शोभायात्रा में धार्मिक उत्साह के साथ-साथ राजनीतिक झलकियों ने भी लोगों का ध्यान आकर्षित किया।

दो झांकियों ने किया ध्यान आकर्षित
हर साल निकलने वाली इस यात्रा की भव्यता, अनुशासन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के लिए पूरे जिले में चर्चा होती है। इस बार शोभायात्रा में विशेष रूप से दो झांकियों ने आकर्षण का केंद्र बनकर जनता को चकित किया। पहला ऑपरेशन सिंदूरऔर दूसरा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आधारित झांकी।

ऑपरेशन सिंदूर की झांकी

ऑपरेशन सिंदूर झांकी
ऑपरेशन सिंदूर नामक झांकी में नारी सुरक्षा, समानता और सामाजिक बुराइयों पर करारा प्रहार किया गया। इसमें बाल विवाह, घरेलू हिंसा और दहेज प्रथा जैसे मुद्दों को कलात्मक रूप से उठाया गया और महिलाओं की शक्ति को केंद्र में रखते हुए सुरक्षा और सम्मान का संदेश दिया गया।

सीएम झांकी का विवरण
दूसरी ओर, सीएम झांकी में एक मशीन पर बुजुर्ग साधु के रूप में योगी आदित्यनाथ की झांकी दिखाई गई, जिनके साथ दो बाउंसर भी खड़े थे। यह झांकी उत्तर प्रदेश सरकार की अपराध और अतिक्रमण पर की गई सख्त कार्रवाई का प्रतीक बनी। इसे देखकर लोगों ने योगी सरकार अमर रहे जैसे नारे लगाए।

शोभायात्रा में झूमे लोग

यात्रा में गूंजे ये नारे
पूरी शोभायात्रा के दौरान हर हर महादेव, जय श्रीराम, योगी सरकार जिंदाबाद जैसे नारों से माहौल भक्तिमय और ऊर्जावान बना रहा। शोभायात्रा में जिले भर के श्रद्धालु, सामाजिक कार्यकर्ता, स्थानीय नेता और आम लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। बता दें कि इस यात्रा ने एक बार फिर साबित कर दिया कि धार्मिक आयोजनों में भी समाज-संवाद, सामाजिक संदेश और शासन की छवि कैसे प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत की जा सकती है।

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