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उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने राज्य सरकार की शिक्षक विरोधी नीतियों के खिलाफ 31 जुलाई को प्रदेशभर के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालयों पर विशाल धरने और प्रदर्शन का आह्वान किया है। यह कदम शिक्षा व्यवस्था की अनदेखी और शिक्षकों के अधिकारों के उल्लंघन के विरोध में उठाया गया है।
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स- गूगल)
Lucknow News: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने राज्य सरकार की शिक्षा और शिक्षक विरोधी नीतियों के खिलाफ 31 जुलाई को प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालयों पर धरना और प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, यह निर्णय रविवार को दारुलशफ़ा बी ब्लॉक में आयोजित राज्य परिषद की बैठक में लिया गया।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र कुमार पटेल की अध्यक्षता में बैठक
बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र कुमार पटेल ने की। उन्होंने इस दौरान सरकार द्वारा शिक्षकों के अधिकारों की अनदेखी की कड़ी आलोचना की। डॉ. पटेल ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली, दो हजार बचे शिक्षकों को पेंशन का लाभ देने, 2300 तदर्थ शिक्षकों के वेतन भुगतान और नियमितीकरण के मामले में सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है। इससे शिक्षकों में गहरा आक्रोश है। इन समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर 31 जुलाई को धरने की योजना बनाई गई है।
महामंत्री आशीष कुमार सिंह की नाराजगी
बैठक में महामंत्री आशीष कुमार सिंह ने निदेशालय स्तर पर लंबित ऑफलाइन तबादला सूची के जारी नहीं होने और ऑनलाइन तबादला प्राप्त शिक्षकों को कार्यभार न ग्रहण कराने पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से तत्काल इस मुद्दे पर कार्रवाई करने की मांग की। आशीष कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षकों के कामकाजी जीवन को व्यवस्थित करने के लिए तबादला नीति को स्पष्ट रूप से लागू किया जाना चाहिए।
ऑनलाइन हाजिरी के आदेश का विरोध
शिक्षक नेताओं ने बैठक में छात्रों और शिक्षकों के लिए ऑनलाइन हाजिरी के आदेश पर भी कड़ा विरोध किया। उनका कहना था कि इस आदेश से न केवल शिक्षा का स्तर गिर रहा है, बल्कि यह शिक्षक और छात्रों के बीच रिश्ते को भी प्रभावित कर रहा है। उन्होंने मांग की कि इस आदेश को तुरंत वापस लिया जाए, ताकि शिक्षण प्रक्रिया में व्यवधान न हो और शिक्षकों पर अनावश्यक दबाव न आए।
प्रमुख शिक्षक नेता और संरक्षक का समर्थन
बैठक में प्रधान संरक्षक अमरनाथ सिंह, संरक्षक भगवान शंकर त्रिवेदी, प्रादेशिक उपाध्यक्ष ओम प्रकाश त्रिपाठी, विजय कुमार सिंह, सुरेश चंद वैश्वार, उपाध्यक्ष ओपी त्रिपाठी, सुरेश मित्तल, रमेश चंद सिंह, जगदीश पांडेय, बच्चू लाल भारती, तारा सिंह और अन्य शिक्षक नेता भी मौजूद थे। सभी ने एक स्वर में सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए 31 जुलाई को होने वाले धरने का समर्थन किया।