Swami Kailashananda Giri: भैरहवा में स्वामी कैलाशानंद गिरी का बड़ा बयान, बोले- आतंकियों की कोई…

आचार्य महामंडलेश्वर और पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज अपने 10 दिवसीय नेपाल दौरे पर हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 4 May 2025, 1:35 PM IST
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महराजगंज: निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर और पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज अपने 10 दिवसीय नेपाल दौरे पर हैं। इस दौरान वे नेपाल के विभिन्न हिस्सों में धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजनों में हिस्सा ले रहे हैं। शनिवार को वे भारत-नेपाल सीमा के निकट भैरहवा पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत हुआ। भैरहवा में स्वामी कैलाशानंद ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि आतंकवादियों की न कोई जाति होती है, न कोई धर्म। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह आतंकवाद के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करेंगे।

डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, स्वामी कैलाशानंद गिरी के भैरहवा पहुंचने पर हिंदूवादी संगठनों और उनके अनुयायियों ने बड़ी संख्या में उनका स्वागत किया। उन्होंने रथ पर सवार होकर भैरहवा की यात्रा की।

आयोजन में ये हुए शामिल

जानकारी के अनुसार, इस आयोजन में नेपाल के पूर्व गृह मंत्री बाल कृष्ण खांड, पूर्व सांसद प्रमोद यादव, सांसद मंजू खांड, लुंबिनी प्रदेश के अर्थ मंत्री धनेन्दर कार्की, जिलाधिकारी बसुदेव धीमरे और नरेश कैसी सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। स्वामी जी ने इस अवसर पर नेपाल-भारत के सनातनी रिश्तों की मजबूती पर जोर दिया और कहा कि दोनों देशों के बीच आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंध अटूट हैं।

आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख

वहीं मीडिया से बातचीत में स्वामी कैलाशानंद ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रवैया अपनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए अगर साधु-संतों की जरूरत पड़ेगी, तो हम हमेशा तैयार हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर एकजुटता जरूरी है और इस मामले में किसी भी तरह का समझौता नहीं होना चाहिए। स्वामी कैलाशानंद ने यह भी कहा कि नेपाल में शांति और समृद्धि तभी बनी रहेगी, जब हिंदुत्व की जड़ें मजबूत रहेंगी। उन्होंने नेपाल और भारत को दो भाइयों के समान बताया, जो एक-दूसरे के पूरक हैं।

नेपाल के आध्यात्मिक स्थलों की यात्रा

स्वामी कैलाशानंद गिरी की यह यात्रा पोखरा, मुक्तिनाथ, और दामोदरकुंड से शुरू हुई थी, जिसके बाद वे भैरहवा पहुंचे। उनकी आगे की योजना में लुंबिनी, ललितपुर और काठमांडू के दौरे शामिल हैं। उन्होंने भारतीय पर्यटकों से अपील की कि वे नेपाल के मठ-मंदिरों और आध्यात्मिक स्थलों का दौरा करें, जो आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि संत समाज दोनों देशों में सनातन धर्म को और मजबूत करने के लिए निरंतर कार्यरत है।

नेपाल-भारत के रिश्तों पर जोर

स्वामी कैलाशानंद ने नेपाल और भारत के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक एकता को रेखांकित करते हुए कहा कि दोनों देशों का रिश्ता सनातन धर्म के मूल्यों पर आधारित है। उन्होंने नेपाल के मंदिरों और तीर्थस्थलों को आध्यात्मिक शक्ति का केंद्र बताया और कहा कि इन स्थानों पर आने से न केवल आध्यात्मिक शांति मिलती है, बल्कि दोनों देशों के बीच आपसी भाईचारा भी मजबूत होता है।

स्थानीय लोगों में उत्साह

इसके अलावा, स्वामी कैलाशानंद के भैरहवा पहुंचने से स्थानीय लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा गया। उनके स्वागत में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए और उनके प्रवचनों को सुनने के लिए उत्साहित दिखे।

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