

ब्लाक के चर्चित ग्राम पंचायत गांगूपुर में पंचायत सचिव और ऑपरेटर पर ग्राम प्रधान द्वारा लगाए गए आरोपी सही पाए जाने पर भी अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई।
पंचायत सचिव
सुल्तानपुर: जिले के दोस्तपुर ब्लाक के चर्चित ग्राम पंचायत गांगूपुर में पंचायत सचिव और ऑपरेटर पर ग्राम प्रधान द्वारा लगाए गए आरोपी सही पाए जाने पर भी अभी तक एफआईआर और पंचायत सचिव के सस्पेंशन की कार्रवाई नहीं हुई लेकिन योगी सरकार के जीरो टॉलरेंस नीति को धता साबित करने में जिम्मेदार अधिकारी पुरजोर कोशिश में लगे है ।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक, ब्लाक के चर्चित ग्राम पंचायत गांगूपुर में पंचायत सचिव और ऑपरेटर पर ग्राम प्रधान द्वारा लगाए गए आरोपी सही पाए जाने पर भी अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई।
फर्जी हस्ताक्षर से 2 फर्जी रिबोर
जानकारी के मुताबिक, ग्राम प्रधान के फर्जी हस्ताक्षर से 2 फर्जी रिबोर जो धरातल पर हुआ ही नहीं और इन्वर्टर बैटरी के नाम जो लगा ही नहीं उस पर 90 हजार रुपये का गबन किया गया है। एक रिबोर तो बेनाम किया गया है और एक नाम से लेकिन जिस नाम से हुआ है उसने स्वयं मामले को लिखित में तस्दीक किया है कि नही हुआ है कोई रिबोर और उसने यह भी स्पष्ट किया है कि मेरे निजी पैसे से लगा हैण्डपम्प है। वहीं दुबारा जांच के बाद ग्राम प्रधान द्वारा पुनः एडीओ पंचायत को लिखित में किया गया स्पष्ट नहीं हुआ है कोई भी रिबोर न ही लगा है इन्वर्टर बैटरी।
बड़े अधिकारी के हाथ होने का कायास
एडीओ पंचायत दोस्तपुर की जांच में मामला पूरी तरह से साफ हो गया है फिर भी पंचायत सचिव अभी तक मामला सुलझाने में लगा हुआ है क्योंकि अभी तक ग्राम पंचायत की कमान उसी के हाथ में है। ग्राम पंचायत के लोगो को तरह तरह का प्रलोभन देकर बोरिंग रिबोर का दबाव बनाया जा रहा है, जबकि सूत्रों के अनुसार कार्यदायी फर्म द्वारा काम न कराए जाने का मामला स्पष्ट कर दिया गया है। फर्म ने तो मामले से पल्ला झाड़ लिया है लेकिन मानो एडीओ साहब ने अभी तक मामले को सुलझाने का मौका पंचायत सचिव को दे रखा है। अभी तक देखा गया है ऐसे मामलों में त्वरित एफआईआर की कार्रवाई हुई है लेकिन इस मामले में अभी तक गोल मोल करने का अर्थ या किसी बड़े खादी या फिर किसी बड़े अधिकारी के हाथ होने का कायास लगाया जा सकता है, स्पष्ट तो जिम्मेदार अधिकारी ही करेंगे।
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