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STF को मिली बड़ी सफलता; 7 साल से फरार अपराधी को किया गिरफ्तार, नेपाल भागने की फिराक में था आरोपी

बदायूं जेल से 2018 में फरार और 2 लाख रुपए का इनामी अपराधी सुमित कुमार को यूपी STF ने बरेली से गिरफ्तार किया। सुमित हत्या, जेल से भागने और कई संगीन मामलों में वांछित था। वह नेपाल भागने की कोशिश कर रहा था।
Post Published By: Tanya Chand
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STF को मिली बड़ी सफलता; 7 साल से फरार अपराधी को किया गिरफ्तार, नेपाल भागने की फिराक में था आरोपी

Budaun: उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए 2 लाख रुपए के इनामी और 7 वर्षों से फरार चल रहे खूंखार अपराधी सुमित कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी बरेली से पीलीभीत जाने वाले मार्ग पर मुरादाबाद-लखनऊ हाईवे के पुल के नीचे, थाना इज्जतनगर क्षेत्र से की गई।

कौन है सुमित कुमार?

गिरफ्तार अभियुक्त सुमित कुमार पुत्र रामवीर सिंह जनपद मुरादाबाद के थाना हजरतनगर गढ़ी के गांव नवैनी गद्दी का निवासी है। वह हत्या, हथियार कानून, जेल से भागने और आपराधिक साजिश जैसे गंभीर मामलों में वांछित था। 2018 में बदायूं जेल से दीवार फांदकर फरार हो गया था।

STF की कार्रवाई ऐसे बनी सफलता की कहानी

STF उत्तर प्रदेश को लगातार इनामी व वांछित अपराधियों के सक्रिय होने की सूचना मिल रही थी। इस पर STF के अपर पुलिस अधीक्षक अब्दुल कादिर के निर्देशन में फील्ड यूनिट बरेली ने खुफिया जानकारी जुटानी शुरू की।

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उप निरीक्षक धूम सिंह के नेतृत्व में गठित टीम में उपनिरीक्षक अमित कुमार, मुख्य आरक्षी हरिओम सिंह, कुलदीप कुमार और चालक मनोज अवस्थी को जनपद बरेली में गश्त पर लगाया गया था। इसी दौरान उन्हें मुखबिर से सूचना मिली कि सुमित कुमार नेपाल भागने की फिराक में बरेली में छिपा है।

कैसे पकड़ा गया सुमित कुमार?

मुखबिर की सटीक सूचना पर STF टीम ने बरेली से पीलीभीत जाने वाले मार्ग पर मुरादाबाद-लखनऊ हाईवे के पुल के नीचे घेराबंदी की। दिनांक 25 सितंबर 2025, समय लगभग 12:35 बजे, सुमित कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। उस वक्त वह टनकपुर के रास्ते नेपाल भागने के लिए वाहन की तलाश कर रहा था। STF की त्वरित कार्रवाई ने उसकी योजना को असफल कर दिया।

सुमित ने कबूला अपराध का इतिहास

पूछताछ में सुमित कुमार ने बताया कि वर्ष 2014 में उसके भाई रिंकू की हत्या मुरादाबाद के तत्कालीन ब्लॉक प्रमुख योगेन्द्र उर्फ भूरा द्वारा की गई थी। बदले की आग में उसने 2015 में मुरादाबाद कचहरी परिसर में योगेन्द्र की गोली मारकर हत्या कर दी थी। बाद में जेल में रहते हुए उसकी मुलाकात गोरखपुर के चंदन से हुई, जिसने जेल से भागने की योजना बनाई। 12 मई 2018 को वह बदायूं जेल की दीवार फांदकर फरार हो गया जबकि चंदन भागने में नाकाम रहा।

फरारी के दौरान कहां-कहां छिपा रहा सुमित?

गिरफ्तारी के बाद सुमित ने बताया कि फरारी के दौरान वह दिल्ली, मेरठ, तमिलनाडु, असम, उड़ीसा और नेपाल में छिपता रहा। STF और स्थानीय पुलिस की सक्रियता के चलते वह हर बार जगह बदलता रहा। अंततः नेपाल में स्थायी रूप से रहने की योजना बनाकर वह टनकपुर के रास्ते से निकलने वाला था, लेकिन STF ने उसकी मंशा नाकाम कर दी।

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अपराधिक इतिहास एक नज़र में

गिरफ्तार अपराधी सुमित कुमार का आपराधिक इतिहास बेहद गंभीर और लंबा है। उस पर मुरादाबाद और बदायूं जनपद में कुल 9 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। इनमें हत्या, हत्या का प्रयास, गैरकानूनी हथियार रखना, जेल से फरार होना, दंगा, आपराधिक साजिश और धमकी जैसी संगीन धाराएं शामिल हैं। वर्ष 2015 में मुरादाबाद कचहरी में एक ब्लॉक प्रमुख की हत्या के आरोप में वह जेल भेजा गया था।

इसके अलावा वर्ष 2018 में बदायूं जेल से फरार होने के मामले में भी वह वांछित था। उसके खिलाफ धारा 302, 307, 147, 148, 149, 224, 225, 504, 506, 120बी, 174-A, 338 व आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज हैं। इतना ही नहीं, पुलिस रिकॉर्ड में उसका नाम ₹2 लाख के इनामी अपराधी के रूप में भी शामिल था। विभिन्न थानों में उसके खिलाफ दर्ज केस यह दर्शाते हैं कि वह लगातार आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहा है और कानून से बचने के लिए जगह-जगह अपनी पहचान छिपाकर फरार जीवन जीता रहा।

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