

रायबरेली में दरोगा और सिपाही को रिश्वतखोरी के मामले में निलंबित कर दिया गया है, एसपी के इस सख्त कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। पढे़ं डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर
रायबरेली में रिश्वतखोरी मांगने वाले दरोगा और सिपाही निलंबित (प्रतीकात्मक छवि)
रायबरेली: जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह ने बड़ी कार्रवाई करते हुए रिश्वत लेने के आरोप में महाराजगंज थाने में तैनात दरोगा उत्कर्ष केसरवानी और सिपाही शुभम यादव को निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई शुक्रवार को एक फौजदारी मामले की विवेचना के दौरान नाम निकालने के एवज में बीस हजार रुपये घूस मांगने की शिकायत के बाद की गई।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, शिकायत मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच का जिम्मा एडिशनल एसपी संजीव कुमार सिन्हा को सौंपा था। जांच में यह पुष्टि हुई कि दरोगा और सिपाही ने आरोपी से नाम हटाने के लिए पैसे मांगे थे। रिपोर्ट आने के बाद एसपी डॉ. यशवीर सिंह ने कड़ा रुख अपनाते हुए दोनों पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
इस कार्रवाई के बाद पुलिस विभाग में खलबली मच गई है। एसपी की यह सख्ती पुलिसकर्मियों के लिए साफ संकेत है कि भ्रष्टाचार और लापरवाही को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डॉ. सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि जनता के साथ न्याय और पुलिस की विश्वसनीयता उनके लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है।
कार्रवाई के बाद पुलिस विभाग में मची खलबली
इसके अलावा, शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह ने रायबरेली रिजर्व पुलिस लाइन में साप्ताहिक परेड की सलामी ली और परेड का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पुलिसकर्मियों को साफ-सुथरी वर्दी और अनुशासित टर्नआउट बनाए रखने के निर्देश दिए।
एसपी ने परेड के बाद क्वार्टर गार्ड, आर्मरी, स्टोर, कैंटीन, परिवहन शाखा, यूपी 112 पीआरवी, मेस, बैरक, आवासीय परिसर और यातायात कार्यालय सहित पुलिस लाइन की सभी प्रमुख इकाइयों का सूक्ष्मता से निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने साफ-सफाई, अनुशासन और मूलभूत सुविधाओं को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
एसपी ने आगामी जेटीसी (जूनियर ट्रेनिंग सेंटर) व आरटीसी (रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर) की तैयारियों के मद्देनज़र बैरकों की दशा, सुविधाएं और स्वच्छता का भी जायजा लिया।
इसके अलावा अर्दली रूम के दौरान विभिन्न शाखाओं के रजिस्टरों का अवलोकन किया गया और रिकॉर्ड संधारण, पारदर्शिता व कार्यप्रणाली सुधार के दिशा में निर्देश दिए गए।
डॉ. यशवीर सिंह की यह दोहरी कार्रवाई एक ओर भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती और दूसरी ओर पुलिस महकमे की आंतरिक व्यवस्था को बेहतर करने की दिशा में कदम साफ संकेत देती है कि रायबरेली की पुलिस अब जवाबदेही, अनुशासन और पारदर्शिता की राह पर मजबूती से है।