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सोनभद्र में बड़ा खनन हादसा: भारी मलबे में फंसे मजदूर, NDRF–SDRF का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

सोनभद्र के ओबरा थाना क्षेत्र की बिल्ली मारकुंडी खदान में पत्थर दरकने से बड़ा हादसा हुआ। कई मजदूरों के मलबे में दबने की आशंका है। एक शव बरामद हुआ है। NDRF, SDRF और पुलिस लगातार रेस्क्यू कार्य में जुटी है। मौके पर ADG और प्रशासनिक टीमें मौजूद हैं।
Post Published By: ईशा त्यागी
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सोनभद्र में बड़ा खनन हादसा: भारी मलबे में फंसे मजदूर, NDRF–SDRF का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

Sonbhadra: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में शनिवार दोपहर एक बड़ा खनन हादसा हो गया, जिसने पूरे इलाके में दहशत फैला दी। ओबरा थाना क्षेत्र के बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र के रासपहरी इलाके स्थित कृष्णा माइनिंग वर्क्स में अचानक भारी मात्रा में पत्थर और मलबा गिर गया। हादसा उस समय हुआ जब मजदूर नौ कंप्रेशन मशीनों की सहायता से ड्रिलिंग कर रहे थे। अचानक पहाड़ का बड़ा हिस्सा दरककर गिर पड़ा और खदान में काम कर रहे कई मजदूर उसके नीचे दब गए।

घटना उसी समय हुई जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिला छोड़कर कुछ ही देर पहले रवाना हुए थे। खदान घटनास्थल मुख्यमंत्री के सभास्थल से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हादसे की खबर फैलते ही पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई।

पुलिस और प्रशासन तुरंत मौके पर

हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस, प्रशासन और आपदा राहत बल की टीमें मौके पर पहुंचीं। मजदूरों के परिजन भी तेजी से खदान पहुंचने लगे। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था और लोग अपने परिजन को सुरक्षित बाहर निकालने की उम्मीद में जगह-जगह दौड़ते दिखाई दिए।

अधिकारियों ने तत्काल प्रभाव से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और खदान की ओर जाने वाले सभी मार्गों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई। खदान के आसपास जमा भीड़ को राहत कार्य में बाधा न बने, इसलिए नियंत्रित कर हटाया गया।

सोनभद्र में बड़ा खनन हादसा: पत्थर दरकने से कई मजदूर दबे, बचाव कार्य जारी

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

सबसे बड़ी चुनौती भारी मलबा और उसके नीचे दबे मजदूरों तक पहुंचना था। घटना के बाद तुरंत NDRF, SDRF और पुलिस की संयुक्त टीमों ने रातभर ऑपरेशन चलाया। ADG जोन वाराणसी पीयूष मोर्डिया ने खुद घटनास्थल पर पहुंचकर पूरी स्थिति की निगरानी की।

उन्होंने बताया, “कल दोपहर बाद खदान में पत्थर गिरने से मजदूरों के दबे होने की आशंका है। रातभर से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। एक व्यक्ति का शव बरामद किया गया है, अन्य को निकालने की कोशिश जारी है। मलबा ज्यादा और बड़े पत्थर हैं, जिन्हें तोड़कर सावधानी से हटाना पड़ रहा है। पानी भी भरा है, इसलिए समय लग रहा है लेकिन जल्द सफलता मिलेगी।”

खदान में पानी भरने और मलबा अधिक होने के कारण राहत कार्य में देरी हो रही है, पर टीम पूरी क्षमता से काम कर रही है। मशीनरी, रोशनी और सुरक्षा उपकरणों समेत आवश्यक संसाधन लगातार उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

परिजनों का दर्द

मलबे में दबे मजदूरों के परिजनों ने बताया कि उन्हें हादसे की जानकारी खदान कर्मियों के फोन से मिली। एक परिजन ने बताया कि भतीजा और पति दोनों रोज की तरह काम पर आए थे। अचानक फोन आया कि खदान भसक गई। हम रात 11 बजे से घटनास्थल पर हैं, अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली।

अचानक दरका पत्थर (सोर्स- डाइनामाइट न्यूज़)

एक अन्य पीड़ित महिला सरस्वती ने रोते हुए कहा, “मेरे पति नीचे दबे हैं। हमें कुछ पता नहीं था। शाम 5 बजे फोन आया तब पता चला। रातभर इंतजार कर रहे हैं, अधिकारी कोशिश कर रहे हैं लेकिन कोई खबर नहीं मिल रही।” परिजनों के चेहरे पर भय और चिंता साफ दिखाई दे रही है, जबकि प्रशासन उन्हें लगातार भरोसा दिला रहा है कि रेस्क्यू जल्द पूरा होगा।

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एडीसी, ADG और अधिकारी मौके पर डटे

घटना की गंभीरता को देखते हुए ADG जोन, NDRF कमांडर, SDM, CO और कई वरिष्ठ अधिकारी लगातार मौके पर मौजूद हैं। ADG पीयूष मोर्डिया ने बताया कि सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए धीरे-धीरे बड़े पत्थरों को हटाया जा रहा है ताकि मलबे के नीचे फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा सके। प्रशासन ने आसपास के अन्य खनन स्थलों पर भी तत्काल सुरक्षा जांच के निर्देश जारी कर दिए हैं ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

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