

सोनभद्र में मानव तस्करी कर रहे आरोपी के चंगुल से रेलवे सुरक्षा बल और एएचटीयू की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए 5 बच्चों को मुक्त कराया है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर
सोनभद्र: जनपद में मानव तस्करी और बाल मजदूरी के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत रेलवे सुरक्षा बल और एएचटीयू की संयुक्त टीम ने बड़ी सफलता हासिल की है। उन्होंने 4 नाबालिग बच्चों समेत कुल 5 बच्चों को मुक्त कराया, जो बाल मजदूरी के लिए अम्बाला, पंजाब ले जाए जा रहे थे। इस मामले में एक आरोपी प्रजापति सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह घटना रेनूकूट थाना पिपरी के रेलवे स्टेशन पर हुई, जहां रेलवे सुरक्षा बल के उप-निरीक्षक सचिन कुमार को सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति बच्चों को ट्रेन संख्या 18101 से तस्करी कर ले जा रहा है। सूचना मिलते ही एएचटीयू की टीम मौके पर पहुंची और प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर बच्चों को रोककर उनकी पहचान और स्थिति के बारे में पूछताछ की। टीम ने पता लगाया कि आरोपी प्रजापति सिंह, जो बभनी थाना क्षेत्र के ग्राम हथियार का निवासी है, इन बच्चों को 450 रुपये प्रतिदिन के वेतन पर मजदूरी कराने के लिए पंजाब ले जा रहा था।
बच्चों से पूछताछ करने पर यह भी सामने आया कि उन्हें बिना किसी उचित कारण और दस्तावेज के ले जाया जा रहा था। रेलवे सुरक्षा बल की तत्परता से बच्चों की जान बच गई और उन्हें अविलंब मुक्त कर दिया गया। इस कार्रवाई से बाल मजदूरी की एक और कोशिश को विफल कर दिया गया।
गिरफ्तारी के बाद, आरोपी प्रजापति सिंह के खिलाफ रेनूकूट थाना पिपरी में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपी पर कानूनी कार्रवाई करते हुए मु.अ.सं. 01/2025 धारा 143(1) BNS और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण अधिनियम 2015) के तहत मामला पंजीकृत किया। पुलिस अब इस मामले में आगे की जांच कर रही है ताकि इस तरह के और मामलों में सख्त कार्रवाई की जा सके।
सोनभद्र पुलिस अधीक्षक द्वारा चलाए जा रहे इस विशेष अभियान का उद्देश्य मानव तस्करी, बाल मजदूरी और भिक्षावृत्ति पर रोक लगाना है। यह कार्रवाई उन बच्चों के लिए एक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आर्थिक कारणों से ऐसे खतरनाक मामलों का शिकार हो जाते हैं।
रेलवे सुरक्षा बल और पुलिस की इस संयुक्त कार्रवाई ने न सिर्फ 5 बच्चों को सुरक्षित किया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि समाज में इस तरह की अवैध गतिविधियों को सहन नहीं किया जाएगा। पुलिस टीम ने कहा, अब बच्चों को पुनः उनके परिवारों के पास भेजा जाएगा और इस मामले की जांच जारी रहेगी।