

सोनभद्र में गर्मी की परवाह न करते हुए बच्चों को खुले मैदान में बैठाकर साइकिल वितरण का आयोजन किया गया। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
रॉबर्ट्सगंज: 43 डिग्री सेल्सियस की भीषण गर्मी में, डायट परिसर में आज शुक्रवार को आयोजित साइकिल वितरण कार्यक्रम ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहे संजीव कुमार गौड़ ने 1914 छात्रों को साइकिल वितरित की। हालांकि, बढ़ती गर्मी और खराब आयोजन के चलते कई छात्र चिड़चिड़ेपन का शिकार होते दिखे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, कार्यक्रम के दौरान, कई छात्रों को सुबह 9 बजे से ही मैदान में बैठाया गया, बच्चे कई किलोमीटर दूर से खुले पिकअप में पहुंचे थे, ताकि वे इस वितरण कार्यक्रम में भाग ले सकें। लेकिन लू और गरमी के कारण, छात्रों की स्वास्थ्य के प्रति प्रशासन की लापरवाही साफ नजर आ रही थी। मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनी के बावजूद, जिला प्रशासन कोई सख्त कदम उठाता नजर नहीं आया।
साइकिल वितरण कार्यक्रम में देरी से पहुंचने पर समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव कुमार गौड़ पर सवाल उठाए गए। उन्होंने कहा कि जनपद के दूरस्थ और आदिवासी क्षेत्र की बच्चियों के लिए 1914 साइकिल का वितरण किया गया है। मंत्री ने बताया कि साइकिल वितरण का लक्ष्य पूरा किया जाएगा और भविष्य में बचे हुए बच्चों को भी साइकिल दी जाएगी। बकौल मंंत्री, हमारे क्षेत्र में शादी-विवाह का सीजन होने के कारण थोड़ा देरी हुई है। उन्होंने साथ ही बताया कि उनके आवास पर सुबह से जनता की भीड़ लगी रहती है और उनकी समस्याओं को देखने में थोड़ी समय लग गया।
कार्यक्रम में उपस्थित एक लाभार्थी, पूर्वी सोनकर ने खुशी जताते हुए कहा, "साइकिल मिलने से हमें विद्यालय जाने में काफी आसानी होगी। पहले हमें ऑटो से जाना होता था, जिससे हमें 20 रुपये प्रतिदिन खर्च करना पड़ता था। अब साइकिल मिलने से पैसे की बचत होगी।
समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में सुविधाओं की कमी का मुद्दा पहले भी उठता रहा है। कई लोगों का आरोप है कि विभाग सरकारी धन का बंटवारा सही तरीके से नहीं करता। चुटकी लेते हुए कुछ स्थानीय लोगों ने कहा कि समाज कल्याण विभाग के आयोजनों में हमेशा सुविधाओं की कमी रहती है, चाहे वह सामूहिक विवाह हो या साइकिल वितरण कार्यक्रम।
मंत्री गौड़ ने यह भी कहा कि अगर छात्रों में स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या हुई है, तो उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं दी जाएंगी और उन्हें घर तक पहुंचाया जाएगा।
साइकिल वितरण कार्यक्रम में प्रशासनिक लापरवाही ने छात्रों को मुश्किल में डाल दिया। भविष्य में ऐसे आयोजनों को उचित समय और स्थान पर आयोजित करना चाहिए, ताकि बच्चों की स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।