

रॉबर्ट्सगंज के उरमौरा स्थित एक निजी अस्पताल में डिलीवरी के बाद नवजात के गायब होने और महिला की हालत बिगड़ने का मामला सामने आया है। परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही और गंभीर आरोप लगाए हैं, वहीं प्रशासन जांच की बात कर रहा है। जानिए पूरी घटना।
अस्पताल के बाहर एकत्रित हुए पीड़ित परिजन
Sonbhadra: सोनभद्र जिले के रॉबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत उरमौरा स्थित बनारस पाली हॉस्पिटल एक बार फिर सुर्खियों में है, जहां बीते दिन एक गर्भवती महिला की डिलीवरी के बाद नवजात शिशु के गायब होने का मामला सामने आया है। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि नवजात पूरी तरह स्वस्थ था, लेकिन डिलीवरी के बाद अस्पताल ने शिशु को दिखाने से इनकार कर दिया और बहाने बनाते रहे।
अस्पताल प्रशासन और पीड़ित परिवार के साथ नोकझोंक
पीड़ित परिवार के अनुसार, महिला की डिलीवरी ऑपरेशन के ज़रिए हुई थी। डिलीवरी के कुछ ही समय बाद अस्पताल प्रशासन ने बताया कि बच्चा "गंदा पानी पी गया था" इसलिए उसे नहीं दिखाया जा सकता। इसके बाद परिजन जबरदस्ती बच्चे को देखने की मांग करने लगे, लेकिन अस्पताल की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। इस बात को लेकर परिजनों और अस्पताल प्रशासन के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई।
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मौके पर तनाव का माहौल
परिजनों का आरोप है कि लाखों रुपये खर्च कराने के बावजूद ऑपरेशन के दौरान लापरवाही बरती गई। महिला की नस कट गई जिससे वह लगातार रक्तस्राव कर रही है। गंभीर हालत देखते हुए महिला को बनारस के लिए रेफर किया गया है। इस पूरे घटनाक्रम के बाद अस्पताल परिसर में परिजनों और ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। देखते ही देखते मौके पर भारी भीड़ इकट्ठा हो गई, जिसके चलते स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
अस्पताल प्रबंधन का क्या कहना है?
दूसरी ओर अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि शिशु जन्म के समय मृत था और बच्चे के पिता को उसकी डेड बॉडी हैंडओवर कर दी गई थी, जिसका अंतिम संस्कार भी हो चुका है। इस बयान के बाद परिवार और ज्यादा आक्रोशित हो गया और उन्होंने अस्पताल पर मृत शिशु को बदलने या गायब करने का आरोप लगा दिया।
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CMO का बयान
सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचा और स्थिति को नियंत्रण में लिया। वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. अश्वनी कुमार ने बताया कि उन्हें दो अलग-अलग शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनके आधार पर जांच कराई जा रही है। अगर अस्पताल की लापरवाही और आरोप सही पाए जाते हैं तो जल्द ही कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, पीड़िता का इलाज बनारस में जारी है और परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं। यह मामला जिले में निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है, जहां मरीजों की जान के साथ इस तरह का खिलवाड़ हो रहा है।