

बाराबंकी के रामपुर खर्गी गांव में राइस मिल प्रोपराइटर द्वारा अवैध रूप से दर्जनों प्रतिबंधित पेड़ काटे जाने का मामला सामने आया है। ग्रामीणों के विरोध पर लकड़ी माफिया मौके से फरार हो गए।
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Barabanki: बाराबंकी जिले के विकासखंड रामपुर खर्गी की ग्राम पंचायत में संचालित एक राइस मिल के प्रोपराइटर द्वारा पर्यावरण और सरकारी संपत्ति को भारी क्षति पहुंचाने का मामला सामने आया है। ग्राम प्रधान और ग्रामीणों के अनुसार राइस मिल के प्रोपराइटर जयेन्द्र ने ग्राम समाज और वन विभाग की जमीन पर लगे दर्जनभर से अधिक प्रतिबंधित पेड़ों को बिना अनुमति के आरा चलवाकर काट डाला।
इस हरकत से लगभग 50,000 रुपये की सार्वजनिक क्षति का अनुमान है। ग्रामीणों की सजगता और विरोध के चलते लकड़कट्टे मौके से फरार हो गए, लेकिन इससे पहले वे पेड़ों को काट चुके थे।
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घटना ग्राम रामपुर खर्गी की है। जहां जयेन्द्र नामक राइस मिल प्रोपराइटर ने ग्राम समाज की भूमि, सरकारी ट्यूबवेल की नाली और रास्ते के किनारे वन विभाग द्वारा लगाए शीशम, नीम जैसे बहुमूल्य पेड़ को काट डाला। इन पेड़ों का काटा जाना कानूनन प्रतिबंधित है और यह कार्य वन संरक्षण अधिनियम और पर्यावरण सुरक्षा कानून का घोर उल्लंघन है।
जब पेड़ों की कटाई की सूचना गाँव में फैली तो ग्राम प्रधान विमलेश कुमार समेत सैकड़ों ग्रामीण मौके पर इकट्ठा हो गए। भारी विरोध और जन आक्रोश को देख लकड़ी काटने वाले लकड़ी छोड़कर मौके से फरार हो गए। ग्राम प्रधान ने आरोप लगाया कि राइस मिल मालिक ने जानबूझकर ग्राम सभा की हरियाली और सरकारी संसाधनों को नुकसान पहुंचाया है, जिससे ग्राम पंचायत को करीब 50,000 रुपये की हानि हुई है।
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घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की डिप्टी रेंजर रोली अवस्थी वनकर्मी दुर्गेश के साथ मौके पर पहुंची और स्थलीय जांच की। उन्होंने बताया कि मामला गंभीर है और पेड़ों की अवैध कटाई की पुष्टि की गई है। ग्राम प्रधान ने इस संबंध में एसडीएम को शिकायती पत्र भी सौंपा है। जॉइंट मजिस्ट्रेट गुंजिता अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। दोषियों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
वन विभाग का सख्त रुख
वन क्षेत्राधिकारी अल्पना पांडेय ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा, बिना अनुमति पेड़ों की कटाई पूरी तरह अवैध है। दोषी के खिलाफ उचित धाराओं में केस दर्ज किया जा रहा है।”