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पुलिस जांच में सामने आया कि गांव का ही अनिल उर्फ चमेली, जो शहद निकालने का काम करता था, बच्चियों को शहद और बिस्कुट का लालच देकर खेत में ले गया।
7 साल की बच्ची के साथ उसने दुष्कर्म किया।
लाल घेरे में आरोपी
Shahjahanpur: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (POCSO) मनोज कुमार सिद्दू की अदालत ने शुक्रवार को 5 साल की बच्ची की निर्मम हत्या के दोषी अनिल उर्फ चमेली को फांसी की सजा सुनाई। अदालत ने साथ ही दोषी पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
फैसले में कहा गया, “यह अपराध केवल दो बच्चियों के विरुद्ध नहीं, बल्कि मासूमियत, समाज और मानवता के विरुद्ध है। दोषी का आचरण असाधारण रूप से क्रूर, अमानवीय और जघन्य है। अतः यह मामला ‘रेयर ऑफ द रेयरेस्ट’ की श्रेणी में आता है।”
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क्या था पूरा मामला
यह घटना 22 फरवरी 2021 को थाना कांट क्षेत्र के एक गांव की है। गांव की दो बहनें एक 7 वर्ष और दूसरी 5 वर्ष की घर के पास स्थित प्राथमिक विद्यालय के नल पर नहाने गई थीं। जब दोनों शाम तक घर नहीं लौटीं, तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की। रात में गांव के ही संदीप कपूर के सरसों के खेत में 5 वर्षीय बच्ची का शव खून से लथपथ मिला। कुछ दूरी पर गन्ने के खेत में 7 साल की बहन बेहोश अवस्था में मिली। उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी जान बच गई।
कैसे हुआ खुलासा
पुलिस जांच में सामने आया कि गांव का ही अनिल उर्फ चमेली, जो शहद निकालने का काम करता था, बच्चियों को शहद और बिस्कुट का लालच देकर खेत में ले गया।
7 साल की बच्ची के साथ उसने दुष्कर्म किया। जब छोटी बहन ने यह देखा और शोर मचाने लगी तो आरोपी ने शहद निकालने वाले औजार से उसके सिर पर कई वार कर हत्या कर दी। गांव के लोग अनिल को जानते थे, इसलिए बच्चियां भी उसके साथ निडर होकर गई थीं।
कोर्ट ने क्या कहा?
अदालत ने अपने 84 पन्नों के फैसले में कहा, “दोषी ने अबोध बालिकाओं के साथ विश्वासघात किया। उसने न केवल एक बच्ची से दुष्कर्म किया बल्कि दूसरी मासूम की हत्या कर साक्ष्य छिपाने की कोशिश की। यह कार्य केवल वासना पूर्ति के लिए किया गया था।” अदालत ने माना कि आरोपी का अपराध समाज की आत्मा को झकझोर देने वाला है और इस पर कोई दया नहीं की जा सकती।
न्याय की जीत पर परिवार ने जताई राहत
पीड़ित परिवार ने कोर्ट के फैसले पर संतोष जताते हुए कहा कि न्याय व्यवस्था पर उनका विश्वास और मजबूत हुआ है। वहीं, पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यह फैसला समाज को यह संदेश देता है कि मासूमों के खिलाफ अत्याचार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।