यूपी में स्कूली शिक्षा बदहाल, मायावती योगी सरकार पर लाल, मदरसों पर दे दिया बड़ा बयान

यूपी के प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में साल 2023-24 में 1.74 करोड़ दाखिले हुए, किन्तु साल 2024-25 में मात्र 1.52 करोड़ ही दाखिले हुए हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खब़र

Updated : 20 May 2025, 9:15 PM IST
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नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की मुखिया मायावती (Mayawati) ने उत्तर प्रदेश में स्कूलों की बदहाली पर बड़े सवाल उठा दिए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया साइट X पर एक के बाद एक कई पोस्ट करके प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में शिक्षा की हालत पर सरकार को घेरा है।

दाखिलों में 22 लाख की बड़ी गिरावट

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, देश के सबसे बड़े सूबे यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा है कि यूपी के प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में साल 2023-24 में 1.74 करोड़ दाखिले हुए, किन्तु साल 2024-25 में मात्र 1.52 करोड़ ही दाखिले हुए हैं। स्कूल दाखिला में लगभग 22 लाख की गिरावट बदहाल सरकारी व्यवस्था की पोल खोल रही है। ऐसी स्थिति गंभीर और चिंतनीय है। शिक्षा के महत्व और जरूरत पर सरकार का उचित ध्यान जरूरी है।

यूपी में मदरसों को बंद करना अनुचित

बसपा सुप्रीमो मायावती ने मदरसों को लेकर भी सवाल उठाया है। कहा कि फिर भी सस्ती और सुलभ व्यवस्था के तहत मदरसों आदि की प्राइवेट व्यवस्था के विरुद्ध सरकार का रवैया सहयोग का होने के बजाय उन्हें अवैध बताकर बंद करना बुनियादी शिक्षा की जरूरत को और कमजोर करने वाला गैर-जरूरी और अनुचित है। निजी मदरसों के प्रति सरकार अपना रवैया बदले तो बेहतर होगा।

यूपी-बिहार में स्कूली हालत अति-दयनीय

बीएसपी चीफ ने आगे कहा कि वैसे तो सरकारी स्कूलों के हालात देश के अधिकतर राज्यों में काफी खराब हैं किन्तु यूपी और बिहार में यह अति-दयनीय होने से बहुजन गरीब परिवारों का बहुप्रतीक्षित विकास बाधित हो रहा है। और इनके बच्चों का भविष्य अंधकारमय। ऐसे में स्कूली शिक्षा पर ध्यान देकर इन्हें बंद करने के बजाय प्रोत्साहन देने की जरूरी है।

दलित और मुसलमान पर फोकस

देश की राजनीति का बड़ा दलित चेहरा बसपा मुखिया मायावती की इस पोस्ट के बाद से योगी सरकार और यूपी की राजनीति में हलचल हो गई है। मायावती ने अपने इस बयान से सीधे तौर पर यूपी की योगी सरकार को दलित और मुसलमान विरोधी कहा है। क्योंकि यूपी में इन वर्गों के अधिकांश बच्चे सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करते हैं, जिनकी हालत बद से बदतर है। सरकारी उपेक्षा के चलते स्कूल शिक्षा यूपी में दम तोड़ती जा रही है।

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