आगरा में तबाही का मंजर, बाढ़ की वजह से महालक्ष्मी मंदिर में हुआ बड़ा नुकसान; पानी में डूबे कई इलाके

आगरा के बल्केश्वर स्थित महालक्ष्मी मंदिर में यमुना बाढ़ के कारण मंदिर की दीवार ढह गई। हादसे के समय श्रद्धालु परिसर में मौजूद थे, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ। प्रशासन ने मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 9 September 2025, 11:29 AM IST
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Agra: बल्केश्वर स्थित प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर में सोमवार शाम एक बड़ा हादसा टल गया। यमुना किनारे स्थित मंदिर की लगभग 20 फीट ऊंची दीवार अचानक ढह गई, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। घटना के समय बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर परिसर में मौजूद थे। हादसे के बाद एनडीआरएफ और गोताखोरों की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, लेकिन राहत की बात यह रही कि किसी के हताहत या लापता होने की पुष्टि नहीं हुई है।

घटना शाम आरती के समय की है। मंदिर के पास रहने वाली गुड्डी देवी ने बताया कि वह अपने कमरे के बाहर बैठी थीं तभी जोरदार आवाज सुनाई दी। उन्हें लगा कि मंदिर के निचले हिस्से में कोई कमरा गिर गया है। चीख-पुकार सुनकर वे डरकर बाहर आ गईं। लोगों ने बाहर भागना शुरू कर दिया। कुछ श्रद्धालु मोबाइल से वीडियो और फोटो ले रहे थे, कुछ आरती में जाने की तैयारी कर रहे थे।

पुलिस और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची

स्थानीय लोगों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी। जिलाधिकारी अरविंद एम. बंगारी, पुलिस अफसरों और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। घटनास्थल की घेराबंदी की गई और तीन घंटे तक रेस्क्यू अभियान चलाया गया। नदी और मलबे की तलाशी ली गई, लेकिन किसी व्यक्ति के फंसे होने या बहने की पुष्टि नहीं हुई।

दीवार के पास 15 फीट गहरा पानी

बताया जा रहा है कि दीवार के दूसरी ओर यमुना नदी का जलस्तर बहुत अधिक है। उस स्थान पर लगभग 15 फीट गहराई तक पानी भरा हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार, बाढ़ के कारण जमीन और दीवार की नींव कमजोर हो गई थी, जिससे यह हादसा हुआ।

आगरा में तबाही का मंजर

सेल्फी लेने की लत ने बढ़ाया खतरा

स्थानीय निवासी ऋषि अग्रवाल ने बताया कि मंदिर की दीवार पर अक्सर लोग बैठते और सेल्फी लेते हैं। हाल ही में बाढ़ के कारण बड़ी संख्या में लोग मंदिर के पास पहुंच रहे थे। यदि समय रहते सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होते, तो यह हादसा रोका जा सकता था।

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श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक

घटना के बाद बड़ी संख्या में लोग मंदिर के बाहर जमा हो गए, जिससे बल्केश्वर मार्ग पर भारी जाम लग गया। पुलिस को मौके पर पहुंचकर लोगों को हटाना पड़ा। मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी तुषार कपूर ने जानकारी दी कि बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। अब केवल पुजारी ही मंदिर में आरती करेंगे।

सीढ़ियों पर पड़ी चप्पलें

घटना के बाद मंदिर के गर्भगृह की सीढ़ियों पर श्रद्धालुओं की चप्पलें पड़ी मिलीं। अनुमान है कि भय के कारण लोग बिना चप्पल के ही भाग गए। इसके बाद सीढ़ियों पर टिनशेड लगाकर प्रवेश को पूरी तरह बंद कर दिया गया।

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बढ़ता जलस्तर बना बड़ा खतरा

वॉटर वर्क्स पर यमुना का जलस्तर 501.1 फीट दर्ज किया गया, जो बाढ़ के निशान 499 फीट से 2.1 फीट ऊपर है। आखिरी बार 1978 में जलस्तर 508 फीट तक गया था। सोमवार को मथुरा के गोकुल बैराज से 1.60 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे अगले 24 घंटे में जलस्तर और बढ़ने की संभावना है। इससे न केवल आबादी और खेत-खलिहान प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि शहर के संरक्षित ऐतिहासिक स्मारकों पर भी खतरा मंडरा रहा है।

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