

उत्तर प्रदेश के संभल जनपद के विकासखंड बनिया खेड़ा में कार्यरत सफाई कर्मियों का गुस्सा उस समय फूट पड़ा जब उन्हें उनके वेतन में चार-चार दिन की कटौती की जानकारी मिली।
चार दिन की वेतन कटौती से भड़के सफाई कर्मी
Sambhal: उत्तर प्रदेश के संभल जनपद के विकासखंड बनिया खेड़ा में कार्यरत सफाई कर्मियों का गुस्सा उस समय फूट पड़ा जब उन्हें उनके वेतन में चार-चार दिन की कटौती की जानकारी मिली। वेतन में की गई इस कटौती को लेकर सफाई कर्मियों ने भारी संख्या में एकत्र होकर ब्लॉक प्रमुख डॉ. सुगंधा के कार्यालय पर प्रदर्शन किया और विरोध स्वरूप ज्ञापन सौंपा।
मामला तब गरमाया जब विकासखंड सभागार में सफाई कर्मियों को ऑनलाइन हाजिरी ऐप डाउनलोड कर उपस्थिति दर्ज कराने के लिए एक बैठक बुलाई गई। इसी दौरान कुछ सफाई कर्मियों ने बताया कि ऐप की तकनीकी दिक्कतों या नेटवर्क की समस्या के चलते उनकी हाजिरी दर्ज नहीं हो सकी, और उन्हीं दिनों के वेतन को काट दिया गया। इस निर्णय को लेकर सफाई कर्मियों में भारी नाराजगी और आक्रोश देखने को मिला।
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मंगलवार शाम करीब 4:00 बजे, विकासखंड बनिया खेड़ा के ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत दर्जनों ग्राम पंचायतों के सफाई कर्मचारी विकासखंड कार्यालय में एकत्र हुए। उन्होंने ब्लॉक प्रमुख डॉ. सुगंधा को ज्ञापन सौंपते हुए यह मांग की कि वेतन में की गई चार-चार दिन की कटौती को वापस लिया जाए, क्योंकि उन्होंने कार्य पर उपस्थिति दर्ज करवाई थी, फिर भी उन्हें वेतन से वंचित किया गया।
सफाई कर्मियों का कहना है कि वे नियमित रूप से अपनी ड्यूटी पर मौजूद थे, फिर भी तकनीकी खामी की वजह से उनकी हाजिरी ऐप पर दर्ज नहीं हो सकी। इसके बावजूद प्रशासन ने वेतन काट लिया, जो अन्यायपूर्ण है। उनका कहना है कि ऐप की गड़बड़ी का खामियाजा कर्मचारियों को नहीं भुगतना चाहिए, और उन्हें उनका पूरा वेतन मिलना चाहिए।
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ज्ञापन में सफाई कर्मियों ने यह भी मांग की कि यदि भविष्य में भी ऑनलाइन हाजिरी की प्रक्रिया को लागू किया जाए, तो उसके लिए समुचित प्रशिक्षण और तकनीकी सुविधा मुहैया कराई जाए।
साथ ही, किसी भी तरह की वेतन कटौती करने से पहले कर्मचारियों की बात सुनी जाए।
सफाई कर्मी ने कहा कि "हम रोज सुबह समय से ड्यूटी पर पहुंचते हैं, गांवों की सफाई करते हैं, फिर भी जब वेतन से चार दिन की रकम काटी गई तो बहुत बुरा लगा। ऐप में गड़बड़ी हमारी गलती नहीं है, फिर सज़ा हमें क्यों?"
यह मामला न सिर्फ स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि तकनीकी बदलावों को लागू करने से पहले जमीनी स्तर पर कार्यरत कर्मचारियों को साथ लेना कितना जरूरी है। अब देखना होगा कि ब्लॉक प्रमुख और उच्च अधिकारी इस पर क्या निर्णय लेते हैं।