

संभल की शाही जामा मस्जिद प्रकरण में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुनाई में एक पक्ष की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जानने के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
शाही जामा मस्जिद ( फाइल फोटो )
संभल: शाही जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर विवाद पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसाला आ गया। आज के अपने फैसले में मस्जिद कमेटी की ओर से दाखिल की गई याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। जहां कोर्ट के फैसले पर मंदिर और मस्जिद दोनों पक्षों की ओर से प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। वहीं, हाईकोर्ट के इस निर्णय के बाद एक बार फिर संभल सुर्खियों में आ गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, हिंदू पक्ष की ओर से वकील श्रीगोपाल शर्मा ने अदालत के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला नियमानुसार हुआ है और माननीय हाईकोर्ट ने बिल्कुल सही निर्णय लिया है।
संभल की सिविल जज (सीनियर डिविजन) द्वारा जो सर्वे का आदेश दिया गया था, वह पूरी तरह कानूनी और उचित था। उन्होंने कहा कि इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि सर्वे का आदेश न्यायसंगत था और अब मामले की गंभीरता और पृष्ठभूमि को और स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
जब वकील श्रीगोपाल शर्मा से पूछा गया कि अगर मुस्लिम पक्ष इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाता है तो उनकी क्या रणनीति होगी ? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि वे सुप्रीम कोर्ट में भी मजबूती से मुकदमा लड़ेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम पक्ष जानबूझकर मुकदमे को लटकाना चाहता है, क्योंकि अभी तक उन्होंने अदालत में अपना कोई जवाब दाखिल नहीं किया है।
वहीं, मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील शकील अहमद वारसी ने हाईकोर्ट के आदेश को एक न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा बताया है। उन्होंने कहा कि अदालत ने सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर ही यह निर्णय लिया होगा। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे? इस पर उन्होंने कहा कि यह निर्णय शाही जामा मस्जिद कमेटी पर निर्भर करेगा। यदि कमेटी सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला करती है, तो वे कानूनी प्रक्रिया के तहत वहां भी अपील करेंगे।
हाईकोर्ट के फैसले ने मामले में एक नया मोड़ ला दिया है, लेकिन यह मामला अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। सभी की नजरें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या अगला कदम सुप्रीम कोर्ट की ओर बढ़ेगा।