रामपुर में बढ़ रहा हेपेटाइटिस-B और C का खतरा, अब तक हजारों लोग हुए शिकार, जानें कैसे फैलता है ये संक्रमण

रामपुर में हेपेटाइटिस-B और C के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अप्रैल से अब तक बी के 213 और सी के 1806 मरीज सामने आए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपा सिंह ने बताया कि संक्रमण मुख्यतः असुरक्षित सुई, संक्रमित खून और असावधानी से फैल रहा है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 4 November 2025, 7:34 PM IST
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Rampur: जनपद रामपुर में हेपेटाइटिस-B और हेपेटाइटिस-C जैसी खतरनाक बीमारियों के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाए जाने के बावजूद भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. दीपा सिंह ने बताया कि इन बीमारियों से बचाव के लिए लोगों में अभी भी जागरूकता की भारी कमी है, जिसके चलते संक्रमण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।

तेजी से बढ़ रहे मामले

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2025 से अब तक हेपेटाइटिस-B के 213 मरीजों का उपचार किया गया है। जबकि हेपेटाइटिस-C के 1806 मरीजों का इलाज चल रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार यह आंकड़े दर्शाते हैं कि रामपुर में इन संक्रमणों का फैलाव तेजी से बढ़ रहा है और अगर समय रहते सावधानी नहीं बरती गई तो यह गंभीर स्वास्थ्य संकट में बदल सकता है।

चिंता का विषय

सीएमओ डॉ. दीपा सिंह ने बताया कि हेपेटाइटिस-B और C दोनों ही बीमारियां वायरल संक्रमण हैं। जो मुख्य रूप से संक्रमित खून, असुरक्षित सुई (नीडल), ब्लेड, ग्लव्स का प्रयोग न करना या संक्रमित व्यक्ति के शरीर के द्रवों के संपर्क से फैलती हैं। उन्होंने कहा, “ये बीमारियां एचआईवी की तरह ही खून के माध्यम से फैलती हैं। इसलिए सभी चिकित्सा और सौंदर्य संबंधी प्रक्रियाओं में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।”

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कैसे करता है शरीर को नुकसान

डॉ. सिंह ने आगे बताया कि दोनों बीमारियां लिवर (यकृत) को प्रभावित करती हैं। हेपेटाइटिस-B और C वायरस लिवर को कमजोर कर देते हैं, जिससे मरीज को भूख न लगना, पीलिया, थकान, उल्टी और पेट में दर्द जैसी समस्याएं होने लगती हैं। समय पर इलाज न मिलने पर मरीज को लिवर सिरोसिस या लिवर फेलियर जैसी घातक स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।

लापरवाही से बढ़ रहा संक्रमण

सीएमओ ने बताया कि कई बार लोग मामूली ब्लड टेस्ट या टैटू बनवाने के दौरान स्वच्छ सुई का प्रयोग नहीं करते, जिससे वायरस फैलने का खतरा बढ़ जाता है। इसी तरह, दाढ़ी बनवाने वाले ब्लेड, या इंजेक्शन के लिए दोबारा इस्तेमाल होने वाली सुई भी संक्रमण का बड़ा कारण बनती है।

स्वास्थ्य विभाग के प्रयास

रामपुर स्वास्थ्य विभाग लगातार गांवों और शहरी क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चला रहा है। डॉक्टरों की टीम स्कूलों, कॉलेजों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में लोगों को संक्रमण से बचाव के उपाय बता रही है। विभाग द्वारा हेपेटाइटिस-B के टीकाकरण को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि लोगों को इस बीमारी से प्रतिरक्षा मिल सके।

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डॉ. दीपा सिंह ने बताया, “हम लगातार लोगों को समझा रहे हैं कि किसी भी इंजेक्शन, ब्लड टेस्ट या टैटू के समय नई सुई और साफ उपकरण का इस्तेमाल करें। संक्रमित व्यक्ति का खून, रेजर या टूथब्रश कभी शेयर न करें। समय-समय पर ब्लड टेस्ट कराना भी बहुत जरूरी है।”

स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी

उन्होंने यह भी बताया कि अगर किसी व्यक्ति को पीलिया, भूख की कमी, वजन घटने या लगातार थकान की शिकायत हो तो उसे तुरंत अस्पताल जाकर हेपेटाइटिस की जांच करानी चाहिए। शुरुआती चरण में बीमारी का इलाज संभव है, लेकिन देर होने पर स्थिति गंभीर हो सकती है।

Location : 
  • Rampur

Published : 
  • 4 November 2025, 7:34 PM IST